Maharashtra News: महाराष्ट्र में पुणे  (Pune News)शहर के एक प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी संस्थान परिसर में नवविकसित संग्रहालय (museum) में विविध चट्टान, क्रिस्टल, खनिज और जीवाश्म प्रदर्शित किए गए हैं, जहां लोग इन दुर्लभ चीजों का न केवल निहार सकते हैं, बल्कि उन्हें स्पर्श करने और संभालने का अनुभव भी ले सकते हैं.


शहर के शिवाजीनगर क्षेत्र में स्थित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (COEPTU) में पिछले महीने यह संग्रहालय खुला, जो अनुसंधानकर्ताओं, विद्यार्थियों और शौकिया भू वैज्ञानिकों को भूगर्भीय खजाना को संभालने का प्रथम दृष्टया अनुभव लेने का मौका प्रदान कर रहा है. इस संग्रहालय में 22,000 नमूने (प्रतिरूप) हैं.


संग्रहालय में है दुर्लभतम चट्टानें
यह संग्रहालय 1892 में बने एक धरोहर भवन में है, जो ब्रिटिश काल में 'प्राचार्य का बंगला' हुआ करता था. इस संग्रहालय में दुर्लभतम चट्टानें, जीवाश्म, खनिज, क्रिस्टल रखे गए हैं, जिनके बारे में विशेषज्ञों की राय है कि उनमें पृथ्वी के बाह्य पटल पर सबसे पहले बनी चीजें और विभिन्न प्रकार की आग्नेय, अवसादी और कायांतरित चट्टानें शामिल हैं.


COEPTU के एसोसिएट प्रोफेसर संदीप मेशराम ने कहा, ''ये सारी चट्टान, खनिज, जीवाश्म आदि विभिन्न अभियांत्रिकी -भूगर्भ कार्यों, दक्कन वोल्कैनिक प्रोविंस के क्षेत्रीय सर्वेक्षण, और देश के अन्य अभियांत्रिकी और भूगर्भीय स्थलों से जुटाये गये हैं जहां संस्थान की टीम ने काम किया है. संग्रहण प्रक्रिया ब्रिटिश काल तक जाती है और इस काम को आजादी के बाद इस प्रतिष्ठित संस्थान के प्राध्यापकों और अनुसंधानकर्ताओं ने आगे बढ़ाया.'' 


सभी के लिए खुला है संग्रहालय
मेशराम की इस धरोहर स्थल को संग्रहालय बनाने की पहल में अहम भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय स्कूली बच्चों, अनुसंधानकर्ताओं, आम लोगों और चट्टानों और खनिजों में रूचि लेने वालों समेत सभी के लिए खुला है.


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