St Michael's Church Mumbi: मुंबई के ऐतिहासिक सेंट माइकल चर्च परिसर शनिवार को एक अज्ञात व्यक्ति घुस गया और माहिम स्टेशन के पास 489 साल पुराने चर्च के कब्रिस्तान में 18 क्रॉस तोड़ दिए. बंबई महाधर्मप्रांत के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. चर्च के पल्ली पुरोहित फादर बर्नार्ड लैंसी पिंटो के अनुसार यह घटना शनिवार सुबह 6 बजे के आसपास हुई जब अज्ञात बदमाश चर्च परिसर में घुस गया और कब्रिस्तान में तोड़-फोड़ शुरू कर दी.


इससे मुंबई के कैथोलिक समुदाय में आक्रोश है. फादर ने कहा कि माहिम पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच शुरू हो गई है. पुलिस ने हमें आश्वासन दिया है कि वे सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान के आधार पर संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेंगे.


दरअसल, सेंट माइकल चर्च 1534 में द्वीपों के अपने पूर्व उपनिवेश और 'बॉम बाहिया' (बाद में बॉम्बे) के रूप में जाना जाने वाला तत्कालीन समुद्री-व्यापार केंद्र में सबसे पुराना पुर्तगाली निर्मित चर्च है. 127 साल बाद मई 1661 में जब ब्रिटेन के राजा चार्ल्स द्वितीय ने पुर्तगाल के राजा जॉन चतुर्थ की बेटी ब्रगेंजा की राजकुमारी कैथरीन से शादी की तो 'बॉम बाहिया' को उनके पति को उनकी शादी के दहेज के हिस्से के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया.


सोशल मीडिया पर आक्रोश जारी
माहिम चर्च अपने बुधवार के 'नौवेना' के लिए प्रसिद्ध है, जहां सभी धर्मो के लोग शामिल होते हैं. मुंबई और अन्य जगहों पर कैथोलिक समुदाय ने माहिम चर्च में तोड़फोड़ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. साथ ही पुलिस और सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है. इसके अलावा शहर में 125-विषम चर्चो के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.


कई ईसाई जिनकी संख्या शहर की आबादी का लगभग 500,000 (या 3.30 प्रतिशत) है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट पर अपने आक्रोश को व्यक्त किया. साथ ही मुंबई के विभिन्न हिस्सों में शांतिप्रिय समुदाय के खिलाफ पिछले कुछ वर्षो में हुई बर्बरता, मूल्यवान चर्च संपत्तियों की चोरी आदि घटनाओं का जिक्र किया. वहीं चर्च का फादर ने कहा कि पुलिस ने उपद्रवी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई का वादा किया है और वह किसी भी सुरक्षा चूक की जांच के लिए भी जांच करेंगे.


आर्चडिओसेसे के प्रवक्ता ने कहा यह खेदजनक और दर्दनाक है कि सेंट माइकल चर्च में कैथोलिकों की कब्रों के साथ बर्बरता की गई. समुदाय की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है, क्योंकि इस कृत्य में न केवल धार्मिक वस्तुओं का विनाश शामिल है बल्कि मृतकों के प्रति भी अनादर है.



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