Maharashtra: CM एकनाथ शिंदे ने 10वीं-12वीं के स्टूडेंट को दी शुभकामनाएं, बोर्ड परीक्षा को लेकर कही ये बात
Maharashtra: सीएम शिंदे ने सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों से कहा कि बच्चों को यह कभी नहीं समझना चाहिए कि वो एक सरकारी स्कूल से पढ़ रहे हैं, तो भविष्य में किसी भी कंपटीशन का सामना नहीं कर सकेंगे.
Pariksha Pe Charcha 2023: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने विद्यार्थियों को आगामी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए ढेरों शुभकामनाएं दी है. सीएम ने कहा कि इतने बड़े पद पर होने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा के विषय में बच्चों से चर्चा कर रहे हैं. इसलिए हम सभी को उनका धन्यवाद करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी माता के निधन के बाद भी निरंतर अपने काम में लगे रहे. यह बताता है कि प्रधानमंत्री देश के प्रति कितने समर्पित हैं.
वहीं सीएम शिंदे ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के स्टूडेंट के सभी सवालों का जवाब अच्छे से दिए. उम्मीद है कि बच्चों के मन का भय और डर दूर हुआ होगा. मैं कहता हूं हर बच्चे को परीक्षा को उत्सव की तरह मनाना चाहिए. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित "एग्जाम वारियर" पुस्तक सभी बच्चों को पढ़नी चाहिए.
सीएम ने सरकारी स्कूल के बच्चों से कही यह बात
वहीं सीएम ने सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों से कहा कि बच्चों को यह कभी नहीं समझना चाहिए कि वो एक सरकारी स्कूल से पढ़ रहे हैं, तो भविष्य में किसी भी कंपटीशन का सामना नहीं कर सकेंगे. अगर मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है. वहीं आज पीएम मोदी ने परीक्षा पर चर्चा करते हुए कहा कि दिन-रात हम कॉम्पिटिशन के भाव में जीते हैं. हम अपने लिए जियें. अपने में जियें. अपनों से सीखते हुए जियें. सीखना सबसे चाहिए, लेकिन अपने भीतर के सामर्थ्य पर भी बल देना चाहिए. एक एग्जाम के कारण जीवन एक स्टेशन पर रुकता नहीं है.
दुनिया की सबसे पुरानी भाषा हमारे पास- पीएम
पीएम ने कहा दुनिया की सबसे पुरातन भाषा जिस देश के पास हो उस देश को गर्व होना चाहिए. UN में मैंने जानबूझ कर कुछ तमिल भाषा से जुड़ी बातें बताई, क्योंकि मैं दुनिया को यह दिखलाना चाहता था कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा हमारे पास है.वहीं शिक्षकों को लेकर पीएम ने कहा कि हमारे शिक्षक विद्यार्थियों के साथ जितना अपनापन बढ़ाएंगे उतना बेहतर होगा. जब विद्यार्थी आपसे सवाल करता है तो उसका लक्ष्य आपके ज्ञान को परखना नहीं है. विद्यार्थी की जिज्ञासा ही उसकी बहुत बड़ी अमानत है.