Maharashtra: 'उद्धव ठाकरे के सीएम बनने के 6-7 महीने बाद ही शुरू हो गई थी बगावत', MVA के इस नेता ने किया बड़ा खुलासा
Maharashtra Politics: नितिन देशमुख ने एक इंटरव्यू के दौरान कई बड़े दावे किए. आइए जानते हैं उन्होंने और क्या-क्या कहा है.
Maharashtra Politics: शिवसेना (यूबीटी) के एक विधायक ने दावा किया है कि नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लगभग छह महीने बाद शिवसेना (Shivsena) में विद्रोह का षड्यंत्र शुरू हो गया था और बाद में गुवाहाटी जाने वाले बागी नेता मुख्य साजिशकर्ता थे. अकोला जिले से विधायक नितिन देशमुख (Nitin Deshmukh) ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का यह दावा झूठा है कि उन्होंने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को मुख्यमंत्री बनाया.
शिंदे के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी. इसके बाद 30 जून, 2022 को शिंदे ने मुख्यमंत्री जबकि फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. देशमुख ने दावा किया, 'जून 2022 में विद्रोह से एक महीने पहले, शिंदे ने मुझसे कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे और फडणवीस केवल यह जानते हैं कि सरकार को कैसे गिराना है. केवल शिंदे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ही जानते थे कि कौन मुख्यमंत्री बनने जा रहा है.'
शिवसेना (यूबीटी) के यूट्यूब चैनल पर जारी हुआ साक्षात्कार
देशमुख और उस्मानाबाद से शिवसेना (यूबीटी) के एक अन्य विधायक कैलाश पाटिल पार्टी के नेता आदेश बांदेकर को दिए एक साक्षात्कार में बोल रहे थे. पार्टी के यूट्यूब चैनल पर यह पॉडकास्ट जारी किया गया है. पॉडकास्ट का पहला भाग शुक्रवार को जारी किया गया था. यह वीडियो 19 जून को शिवसेना के 57वें स्थापना दिवस से पहले आया है.
अचानक नहीं हुआ विद्रोह- देशमुख
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें शिवसेना में फूट या इस बात का आभास था कि विधायक एक अलग समूह बना लेंगे, इसपर देशमुख ने कहा, 'यह (विद्रोह) अचानक नहीं हुआ. यह उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के छह से सात महीने बाद शुरू हो गया था.' देशमुख ने कहा कि उन्होंने अपने निजी सहायक के साथ इस मामले पर चर्चा की थी और उन्हें लगा कि पाला बदलने वाले विधायकों की संख्या 22 से अधिक नहीं होगी. प्रदेश में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 288 सीटों वाली विधानसभा में 56 सीट पर जीत हासिल की थी.
देशमुख ने कहा, 'इसलिए हमने सोचा कि यह (विद्रोह और सरकार गिरना) कभी नहीं होगा.' उन्होंने दावा किया कि इस मामले पर विधायकों को चर्चा नहीं करने दी गई. हालांकि इस मुद्दे पर वरिष्ठ नेता मिले हुए थे. देशमुख ने कहा, 'गुलाबराव पाटिल (एकनाथ शिंदे के समर्थक और वर्तमान मंत्री) ने बताया था कि हम (गुवाहाटी) के लिए रवाना हो गए हैं. मुझे लगता है कि जो लोग (गुवाहाटी) गए थे, वे मुख्य साजिशकर्ता थे.'
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