Mumbai News: कोविड टीका न लगवाने वालों को मौत का खतरा दोगुना, वैक्सीनेटेड लोगों की मृत्युदर कम
वैक्सीनेशन पर हुए अध्ययन में पता चला की आंशिक रुपय से या बिना टीकाकरण वाली आबादी का मृत्यु दर वैक्सीनेटे से दोगुना है. वहीं पूरी तरह से से वैक्सीनेटेड लोगों में डिस्चार्ज दर भी 94 फीसदी है.
Covid-19 Vaccine: महाराष्ट्र के मरोल के सेवन हिल्स हॉस्पिटल में वैक्सीन लेने और न लेने वाले के मृत्युदर पर अध्ययन किया गया. इस अध्ययन की शुरूआत तब की गई जब महाराष्ट्र में 2 करोड़ लाभार्थियोंन कोविड-19 की अपनी दूसरी खुराक लेने से चूक गए थे. इस अध्ययन में पता चला की आंशिक रुपय से या बिना टीकाकरण वाली आबादी का मृत्यु दर वैक्सीनेटे से दोगुना थी. वहीं पूरी तरह से से वैक्सीनेटेड लोगों में डिस्चार्ज दर भी 94 फीसदी थी.
वैक्सीनेटेड लोगों की मृत्युदर कम
दुनिया भर में किए गए कई अन्य शोधों की तरह, 9,893 कोविड -19 रोगियों के बीच किए गए सेवन हिल्स अस्पताल के अध्ययन ने भी पूरी तरह से टीकाकरण की आवश्यकता पर जोर दिया. अस्पताल ने जुलाई 2021 और फरवरी 2022 के बीच भर्ती किए गए रोगियों के बीच सफल कोविड -19 संक्रमण अध्ययन किया. कुल भर्ती रोगियों में से, 4,710 को दोनों खुराक के साथ पूरी तरह से टीका लगाया था. जिनमें से 281 या 5.96 फीसदी ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया, लेकिन मृतक मरीजों को गंभीर बीमारी थी. इसके अलावा, वैक्सीन की केवल एक खुराक लेने वाले 1,497 रोगियों में से 98, 6.52 प्रतिशत की संक्रमण के कारण मृत्यु हुई. सबसे ज्यादा मौतें वैक्सीन न लेने वाले रोगियों में दर्ज की गई हैं. जैसा कि अध्ययन से पता चला है, 3,686 वैक्सीन न लेने वाले रोगियों में से, 745 या 20.21 प्रतिशत ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया.
सेवन हिल्स अस्पताल की अतिरिक्त डीन डॉ स्मिता चव्हाण ने बताया कि इस अध्ययन ने फिर से इस तथ्य को स्थापित किया कि टीकाकरण संक्रमण को रोक नहीं सकता है लेकिन यह रोगियों में गंभीरता को नियंत्रित करने में मदद करता है. इस प्रकार, लोगों के लिए, विशेष रूप से कॉमरेडिडिटी वाले लोगों के लिए, दोनों जैब्स लेना आवश्यक है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र ने अपनी लक्षित आबादी के 92 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक दी है, लेकिन केवल 75 प्रतिशत ने दूसरी खुराक ली है.
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