Maharashtra: EWS रिजर्वेशन पर SC से फैसले का फडणवीस ने किया स्वागत, मराठा आरक्षण पर कही ये बात
Mumbai: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को वैध बताया. कोर्ट ने कहा कि EWS आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता.
EWS Quota Verdict: सुप्रीम कोर्ट के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को वैध ठहराने के फैसले का महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis ) ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पीएम मोदी के EWS आरक्षण को हरी झंडी दी है. इसके कारण समाज के जिन लोगों को जातीय आधार पर आरक्षण नहीं मिल पा रहा है पर वो गरीब हैं उनको भी 10% आरक्षण मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी के फैसले को बरकरार रखा हम इसका स्वागत करते हैं.
मराठा आरक्षण पर कही ये बात
डिप्टी सीएम ने मराठा आरक्षण पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण प्रदान करने पर भी काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ हर राज्य में मिल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बीजेपी ने किया स्वागत
बता दें कि आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आज आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को वैध बताया है. वहीं बीजेपी ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए इसे देश के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के अपने “मिशन” में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत करार दिया. बीजेपी महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष ने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने अनारक्षित वर्गों के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गरीब कल्याण के दृष्टिकोण के लिए यह एक और बड़ा श्रेय है. सामाजिक न्याय की दिशा में एक ओर कदम.”
इस विचार पर सहमति व्यक्त करते हुए भाजपा महासचिव सी. टी. रवि ने कहा कि यह फैसला भारत के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के अपने “मिशन” में मोदी के लिए एक और जीत है. उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से सोमवार को बरकरार रखा. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता.
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