Sangli News: महाराष्ट्र के सांगली में एक ही परिवार के नौ लोगों ने जहर पीकर खुदकुशी कर ली. इस मामले ने हर किसी को हिलाकर रख दिया. हालांकि इन 9 लोगों ने मौत को यूं ही गले नहीं लगा लिया. दरअसल ये परिवार भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ था और सूदखोरों की प्रताड़ना से परेशान हो गया था. सूदखोरों ने इन्हें इतना परेशान किया कि इनके पास मौत को गले लगाने के अलावा दूसरा रास्ता ही नहीं बचा.


सूदखोरों के उत्पीड़न से परेशान हो गया था परिवार


पुलिस ने मृतकों के घर से मिले सुसाइड नोट का हवाला देते हुए कहा कि साहूकार बार-बार सार्वजनिक रूप से इन लोगों का मानसिक और शारीरिक रूप से उत्पीड़न करते थे. पुलिस ने इस मामले में परिवार को पैसे उधार देने वाले इलाके के 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, अभी पुलिस 10 और संदिग्धों की तलाश कर रही है.


एक ही परिवार के 9 लोगों ने खाया जहर


बता दें कि सोमवार दोपहर को महाराष्ट्र के सांगली जिले म्हैसल गांव में दो भाइयों माणिक (49) और पोपट (52) के परिवार के 9 लोगों ने जगह पीकर आत्महत्या कर ली. एक ही परिवार के 9 लोगों की मौत से पूरा गांव सन्न रह गया. पुलिस ने माणिक के घर से माणिक, उनकी पत्नी (45), उनके बच्चों अनीता (28) और आदित्य (15), मां अक्काताई (72) और पोपट के बेटे शुभम (28) के शव बरामद किये. माणिक के घर से करीब एक किलोमीटर दूर स्थानीय स्कूल में कला शिक्षक पोपट, उनकी पत्नी संगीता (48), बेटी अर्चना (30) के शव बरामद किये.


वे पिछले कुछ वर्षों से भारी तनाव में थे


परिवार के करीबी रहे अश्विनी सावंत ने मीडिया से बातचीत में रोते हुए कहा कि मैं तो उनके घर में ही पला-बड़ा हूं. वे सभी लोग बहुत अच्छे थे और मुझे घर का ही सदस्य मानते थे. मैं उनके घर में होने वाले सभी कार्यक्रमों में शरीक होता था. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते से भी कम समय हुआ होगा जब में उनके घर पानी-पूरी पार्टी के लिए आया था. वे बहुत खुशहाल लोग थे और जानवरों से बहुत प्यार करते थे, लेकिन मैं  यह भी जानता हूं कि वे पिछले कुछ वर्षों से कर्ज के कारण तनाव में थे, लेकिन उन्होंने जो कदम उठाया हमने उसकी कल्पना भी नहीं की थी.


परिवार ने इसलिए लिया था कर्ज


वहीं पुलिस ने सुसाइड नोट का हवाला देते हुए कहा कि यह परिवार स्टील के उत्पादों की एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाना चाहता था और इसके लिए उन्होंने कई लोगों से पैसे उधार लिये थे. ये सभी लोग उन्हें  नियमित तौर पर परेशान करते थे. पुलिस ने इस मामले में म्हैसल निवासी नंदकुमार पवार (52), राजेंद्र बन्ने (50), अनिल बन्ने (35), खंडेराव शिंदे (37), डॉ. तात्यासाहेब चौगुले (50), शैलेश धूमल (56), प्रकाश पवार (45), संजय बगड़ी (51), अनिल बोराडे (48), पांडुरंग घोरपड़े (56), शिवाजी कोरे (65), रेखा चौगुले (45), विजय सुतार (55), गणेश बामने (45) और शुभ्रा कांबले (46) को गिरफ्तार किया है.


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