मालेगांव मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने खंगाले खाते, 800 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन की पहचान
Maharashtra News: ईडी के अनुसार, शफी गिरफ्तार आरोपी सिराज मोहम्मद को नामको बैंक में 14 से अधिक बैंक अकाउंट्स खोलने के निर्देश देने में सक्रिय रूप से शामिल था, जो उसके मार्गदर्शन में संचालित किए गए थे.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के मालेगांव से जुड़े 1200 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की ईडी जांच कर रही है. इसी कड़ी में ईडी ने शेल कंपनियों के 21 बैंक अकाउंट से डेबिट और क्रेडिट लेनदेन के जरिए 800 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल की पहचान की है. सूत्रों का दावा है कि यह सारी कंपनियां जो की नवी मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में स्थित हैं, इन्हें बहुत ही कम समय मे स्टेबलिश किया गया था.
21 शेल कंपनी बैंक अकाउंट्स में नासिक मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक (एनएएमसीओ बैंक) के 14 खातों से 10,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए, जिन्हें कथित तौर पर गिरफ्तार आरोपी सिराज मोहम्मद और अन्य ने खोला था. अवैध धन की हेराफेरी करने के लिए देशभर के कई बैंक अकाउंट्स में इनके ट्रांसजेक्शन का पता चला है.
हवाल के जरिए भेजा पैसा
ईडी की जांच से पता चला है कि इन अकाउंट्स को मैनेज करने का काम इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक नागनी अकरम मोहम्मद शफी करता था. शफी पर आरोप है कि उसने इन खातों में 800 करोड़ रुपये के डेबिट और क्रेडिट की आवाजाही में मदद की, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा हवाल के जरिए भेजा गया. महज 3 से 4 महीने के भीतर, भारत भर के अलग अलग इलाकों से कैश निकाला गया और बाद में हवाला नेटवर्क के जरिए दुबई स्थित फर्मों और दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिए गए थे.
अवैध धन को दुबई स्थित फर्मों में ट्रांसफर कर दिया गया और यह मामले के मुख्य आरोपी सिराज अहमद से जुड़ी है. ED को जांच में पता चला कि ब्लेज़ इंटरनेशनल और फेयरबीन इंटरनेशनल जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने भारत से इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन की सुविधा दी.
ईडी की टीम ने हाल ही में नासिक गई थी और सिराज अहमद से पूछताछ की, जो पहले नासिक छावनी पुलिस स्टेशन की हिरासत में था. अहमद को तब से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और उसे नासिक जेल भेज दिया गया है.
300 बैंक अकाउंट्स की पहचान हुई
ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को बताया कि जांच के दौरान, उसने आरोपी नागनी अकरम मोहम्मद शफी से जुड़े 300 बैंक अकाउंट्स और कई फर्जी फर्मों की पहचान की है. इनमें से 150 से अधिक बैंक अकाउंट अवैध वित्तीय लेन-देन और हवाला कारोबार से जुड़े पाए गए, जबकि शेल कंपनियों से जुड़े शेष बैंक अकाउंट्स की अभी भी जांच चल रही है. शफी ने खुलासा किया कि इन शेल कंपनियों के अकाउंट्स पूरे देश में फैले हुए थे और इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से अवैध धन प्राप्त करने और उसे आगे ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था.
ईडी सूत्रों ने यह भी कहा कि शफी, एजेंसियों को गुमराह कर रहा है वो दावा करता है कि वह महमूद भगत उर्फ चैलेंजर किंग उर्फ जिमी के लिए 35,000 रुपये प्रति माह कमाने वाला एक कर्मचारी था.
सामने आए इन आरोपियों के नाम
एजेंसी मिले सबूतों के मुताबिक शफी, कई नामों जैसे कि मामू, मोइन खान, इस्माइल खान, सलमान शकील मिर्जा, मोहम्मद साजिद मोहम्मद और अन्य के तहत काम कर रहा था, उसने एक राष्ट्रव्यापी ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने अवैध धन को यहां वहां करने के लिए कई शेल कंपनियां खोलीं.
ईडी के अनुसार, शफी गिरफ्तार आरोपी सिराज मोहम्मद को नामको बैंक में 14 से अधिक बैंक अकाउंट्स खोलने के निर्देश देने में सक्रिय रूप से शामिल था, जो उसके मार्गदर्शन में संचालित किए गए थे. एजेंसी की जांच में आगे पता चला कि शफी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 14 करोड़ रुपये निकाले और अंगडिया नेटवर्क के माध्यम से मुंबई भेजे. जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, 800 करोड़ रुपये के अलावा, इन 21 शेल कंपनियों से प्राप्त धन का एक बड़ा हिस्सा अतिरिक्त शेल कंपनी अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था, जो भी जांच के दायरे में हैं.
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