लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के खिलाफ पोस्ट करने के मामले में एक्शन, महाराष्ट्र पुलिस ने उठाया ये कदम
Anjali Birla News: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक्स और गूगल को अंजलि बिरला के खिलाफ आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया था.
Maharashtra News: लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से बीजेपी के सांसद ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस एक्शन में है. पुलिस की साइबर ब्रांच ने अंजलि बिरला के बारे में अपमानजनक कंटेंट पोस्ट करने को लेकर आठ लोगों को तलब किया है.
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर 'ध्रुव राठी (पैरोडी)' नाम के एक अकाउंट के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस अकाउंट पर एक पोस्ट में दावा किया गया था कि उन्होंने (अंजलि बिरला) अपने पिता के प्रभाव के कारण संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास की और अपने पहले ही प्रयास में आईएएस अधिकारी बन गईं. हालांकि एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पैरोडी अकाउंट का यूट्यूबर ध्रुव राठी से कोई संबंध नहीं है.
इस निराधार पोस्ट को सात अन्य लोगों द्वारा 'रीट्वीट' या शेयर किया गया, जिसके बाद अंजलि बिरला के एक रिश्तेदार ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मानहानि, जानबूझकर अपमान करने, शांति भंग करने और शरारत के लिए महाराष्ट्र साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उस सोशल मीडिया यूजर्स का पता लगा लिया है जिसने पैरोडी अकाउंट पर मूल ट्वीट पोस्ट किया था. उन्होंने बताया कि इसे रीट्वीट करने वालों का भी पता लगा लिया गया है और इन सभी आठ लोगों को उनके बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है.
उन्होंने बताया कि 'पैरोडी' अकाउंट का संचालन करने वाले एक्स यूजर्स ने बाद में बिना शर्त माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि जांच कानूनी प्रावधानों के अनुसार की जाएगी. सोशल मीडिया यूजर्स के लिए 'पैरोडी अकाउंट' कोई नया शब्द नहीं है. दरअसल, ये ऐसे अकाउंट होते हैं जो दिखने में बिल्कुल असली अकाउंट की तरह ही दिखते हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को 'एक्स कॉर्प' और 'गूगल इंक' को अंजलि बिरला के खिलाफ आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया था. अंजलि के वकील ने बताया था कि वह यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में शामिल हुई थीं और उनका चयन 2019 की समेकित आरक्षित सूची में हुआ था. वह आईआरपीएस अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुईं.
वकील ने कहा था कि उनकी मुवक्किल 2021 में एक अधिकारी बनी, लेकिन अब नीट और यूपीएससी परीक्षा विवाद के कारण अचानक ये चीजें फिर से सामने आ गई हैं.
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