Maharashtra News: मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है और मुंबई महानगर पालिका को देश की सबसे अमीर महानगर पालिका, लेकिन जब आप सबसे अमीर महानगर पालिका के शौचालयों का सच जानेंगे तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. दरअसल मुंबई महानगरपालिका और म्हाडा के सार्वजनिक शौचालय मोबाइल लाइट के भरोसे चल रहे हैं. सालों पहले बने इन शौचालयों में आज तक लाइट नहीं लगी है. महिलाओं को अंधेरे में ही शौच जाना पड़ता है, इससे महिलाओं में छेड़छाड़ का डर बना रहता है.


सालों से रोशनी की बाट जोह रहे मुंबई के कई सार्वजनिक शौचालय


मुंबई शहर जहां देश के सबसे अमीर लोग रहते हैं वहां के कुछ सुलभ शौचालयों में आज तक लाइट नहीं है. महिल व पुरुषों को मोबाइल की लाइट लेकर शौच जाना पड़ता है. मुंबई नगरी वैसे तो रात में रोशनी से चमचमाती रहती है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार के पास इन सुलभ शौचालयों के लिए लाइट नहीं हैं. गरीब तबके के लोग सालों से इन्हीं शौचालयों का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.


मुंबई के एक सार्वजनिक शौचालय में बैठी एक महिला ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि सालों ये यहां लाइट नहीं है, उन्होंने कहा कि वह पिछले 6 सालों से यहां साफ-सफाई का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यहां आने वाले लोग उन्हें इसके लिए पैसे देते हैं, मगर आज तक बीएमसी का कोई कर्मचारी शौचालय की सुधि लेने नहीं आया.


कई शौचालयों में न बिजली न पानी


गोरेगांव के कामा स्टेट रोड पर स्थित एक अन्य शौचालय सफाई कर्मी शब्बीर ने बताया कि इस शौचालय में भी सालों से लाइट नहीं है और लोग मोबाइल की लाइट जलाकर ही शौच के लिए जाते हैं. शब्बीर ने बताया कि इस शौचालय को म्हाडा स्कीम के तहत साल 2003-04 में शिवसेना विधायक गजानन कीर्तिकर ने बनवाया था, लेकिन आज तक यहां बिजली-पानी की व्यवस्था नहीं की गई. अंधेरे में ही शौचालय का इस्तेमाल करने आई एक महिला ने बताया कि वह कुछ लोगों को अपने साथ लेकर आती है जो बाह खड़े हो जाते हैं.



इसी रोड पर थोड़ी ही दूर पर अंधेरे में डूबा एक और शौचालय दिखाई दिया. महाराष्ट्र शासन के सौजन्य से इस शौचालय का नवीनीकरण शिवसेना नेता सुभाष देसायी ने किया था . उनके नाम की प्लेट तो शौचालय की दीवार पर चिपक रही है लेकिन उस प्लेट को कोई देख नहीं सकता क्योंकि शौचालय में लाइट ही नहीं है. लोग मोबाइल की लाइट जलाकर शौचालय में आते-जाते दिखे . जिन्होंने एबीपी न्यूज के कैमरे पर अपना दर्द बया किया. 


लाइट ना होने से महिलाओं में डर का माहौल


एबीपी न्यूज ने दिन में भी इन शौचालयों की पड़ताल की जहां शौचालय इस्तेमाल करने वाली महिलाओं ने हमसे अपने दर्द बयां किया. महिलाओं ने कहा कि शौचालय में लाइट ना होने पर मोहल्ले की बहन-बेटियों और बहुओं में डर बना रहता है. वहीं, गोरेगांव के कामा स्टेट रोड के निवासियों ने बताया कि हमारी सरकार की अजब-गजब माया है, जिन शौचालयों में लाइट लगी है वहां साफ सफाई नहीं, और जिन शौचालयों का लोग इस्तेमाल करते हैं वहां लाइट ही नहीं होती. इसी इलाके में एक ऐसा शौचालय भी दिखाई दिया जहां लाइट तो थी लेकिन गंदगी बहुत ज्यादा थी.


शौचालयों की जर्जर हालत पर क्या बोला बीएमसी


आखिर देश की आर्थिक राजधानी में शौचालयों को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही क्यों है. क्यों जनता की इस मूलभूत समस्या पर सालों से महाराष्ट्र शासन आंख मूदे है. क्यों मुंबई के तमाम सार्वजनिक शौचालय बगैर लाइट पानी के चल रहे हैं. इस मुद्दे पर हमने मुंबई महानगर पलिका के डिप्टी कमिश्नर राजेश सदानंद अक्रे से बात की. उन्होंने इस समस्या को स्वीकार करते हुए कहा कि ये एक शर्मनाक सच है लेकिन महाराष्ट्र की नई सरकार ने इस मुद्दे पर एक मीटिंग की है और जल्द ही मुंबई महानगर पालिका ऐसे शौचालयों को दुरुस्त करने और उसकी व्यस्था ठीक करने पर काम करेगी. इसमें खर्च होने वाले फंड के लिये प्रस्ताव भेजा गया है.


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