Lumpy Disease In Maharashtra: महाराष्ट्र में इस साल कम से कम 1,78,072 मवेशी लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित हुए और अक्टूबर तक उनमें से 11,547 मवेशियों की मौत हो गई. राज्य सरकार ने विधान परिषद में यह जानकारी दी. महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान विधान परिषद में कहा कि राज्य के कुल 36 जिलों में से 33 जिलों की 291 तहसीलों में लंपी स्किन डिजीज के कारण मवेशियों की मौत के मामले सामने आए.


विधान परिषद में डॉक्टर मनीषा कयांडे, महादेव जानकर, एकनाथ खड‍़से और अन्य सदस्यों ने इस संबंध में सवाल उठाया था. राजस्व मंत्री ने आगे कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए लगभग 1.39 करोड़ मवेशियों को 'गोट पॉक्स-वायरस' का टीका दिया गया. विखे-पाटिल ने बताया कि महाराष्ट्र में 1,39,92,304 मवेशियों में से 2.71 प्रतिशत मवेशी लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित हुए थे.


विखे-पाटिल ने आगे कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रति मृत गाय के लिए 30,000 रुपये, मृत बैल के लिए 25,000 रुपये और मृत बछड़े के लिए 16,000 रुपये का मुआवजा दिया गया है. लंपी स्किन डिजीज एक संक्रामक बीमारी है, जिसमें मवेशियों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते पड़ने और दूध उत्पादन में कमी आने जैसे लक्षण उभरते हैं.


महाराष्ट्र में 99.97 प्रतिशत टीकाकरण पूरा
महाराष्ट्र में लंपी वायरस के केस घटे हैं, लेकिन इसका प्रसार नहीं थम रहा है. वायरस की चपेट में आकर पशु दम भी तोड़ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने के शुरूआत में सात हजार से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लंपी वायरस पर काबू पाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. स्टेट में 99.97 प्रतिशत टीकाकरण पूरा किया जा चुका है. जो पशु अभी वैक्सीनेशन से छूटे हैं. उनको भी चिन्हित कर वैक्सीन लगाई जा रही है. 



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