Nagnath Kotapalle Death: शिक्षाविद और मराठी लेखक नागनाथ कोतापल्ले (Nagnath Kotapalle) का पुणे के एक अस्पताल में संक्षिप्त बीमारी के बाद बुधवार को निधन हो गया. उनके परिवार के सूत्रों ने यह जानकारी दी. कोतापल्ले 74 वर्ष के थे. वह 2005 में औरंगाबाद के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति रहे थे. वह 2012 में रत्नागिरि जिले के चिपलुन में आयोजित 86वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष भी थे.
फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे थे नागनाथ कोतापल्ले
कोतापल्ले प्रारंभ में बीड में व्याख्याता रहे और बाद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य करने लगे. इसके बाद वह विश्वविद्यालय के कुलपति बने. सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में मराठी के प्रोफेसर और लेखक मनोहर जाधव ने कहा, ‘‘कोतापल्ले को फेफड़े का कैंसर हुआ था लेकिन वह स्वस्थ हो गये थे. दो सप्ताह पहले उन्हें पुणे के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें संक्रमण का पता चला. उनकी सेहत बिगड़ती गयी और उन्होंने बुधवार को अंतिम सांस ली.’’ कोतापल्ले ने उपन्यास, कविताओं के साथ ही आलोचनात्मक निबंध भी लिखे हैं.
कोतापल्ले के निधन पर नेताओं ने जताया शोक
भिवंडी ईस्ट से एमएलए रईस शेख ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मराठी में ट्वीट कर रहा वरिष्ठ लेखक एवं आलोचक डॉ. नागनाथ कोट्टापल्ले के निधन का समाचार दुखद है. मराठी के शिक्षक, विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति और तत्कालीन अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में कोट्टापल्ले की यात्रा और करियर लंबा है.
वहीं, वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. अंबेडकर ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए ट्वीट किया- वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, पुणे विश्वविद्यालय के डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अध्ययन के समन्वयक...मैंने नागनाथ कोट्टापल्ले के निधन का दुखद समाचार सुना. उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि.