Maharashtra Politics: महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shivsena) पर दावा करने के लिए पार्टी के दो गुटों, एक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व में और दूसरा पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व में, ने अध्यक्ष के चुनाव के लिए अलग-अलग व्हिप जारी किए थे. अब दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर उनकी बात नहीं मानने का आरोप लगाया. शिवसेना विधायक (ठाकरे गुट) समूह के नेता अजय चौधरी ने शनिवार को सभी विधायकों को अपने विधानसभा अध्यक्ष उम्मीदवार राजन साल्वी को वोट देने के लिए व्हिप जारी किया था, वहीं शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने विधायकों को बीजेपी के राहुल नार्वेकर के पक्ष में वोट करने के लिए व्हिप जारी किया था.
उद्धव गुट ने 39 बागियों के व्हिप उल्लंघन की कही बात
रविवार की देर रात, नार्वेकर ने सदन में चौधरी की शिवसेना विधायक समूह के नेता के रूप में नियुक्ति को खारिज कर दिया. उन्होंने ठाकरे खेमे के विधायक सुनील प्रभु को शिवसेना के मुख्य सचेतक के पद से भी हटा दिया. इससे पहले दिन में, रविवार को सदन में अध्यक्ष के चुनाव के समापन के बाद, चौधरी ने तुरंत विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को एक पत्र सौंपा, जिसमें दावा किया गया कि शिंदे गुट के 39 बागी विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया है और नार्वेकर के पक्ष में मतदान किया. बाद में, ठाकरे गुट ने नार्वेकर को एक नई याचिका भी सौंपी, जिसमें 39 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी.
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शिंदे गुट ने भी नार्वेकर को सौंपा पत्र
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा, "हमने 39 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक नई याचिका दायर की है." उसी का प्रतिवाद करते हुए, बागी समूह के मुख्य सचेतक गोगावाले ने नार्वेकर को एक पत्र सौंपा, जिसमें दावा किया गया कि ठाकरे गुट के 16 शिवसेना विधायकों ने शिंदे गुट द्वारा जारी किए गए व्हिप की अवज्ञा की है, जिसके पक्ष में बहुमत है. विधानसभा में पत्र पढ़ते हुए नार्वेकर ने शिंदे गुट को शिवसेना भी बताया. इसी के साथ आने वाले दिनों में दोनों गुटों के बीच कानूनी और संवैधानिक लड़ाई देखने को मिलेगी.