Maharashtra News: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा. चुनावी नतीजों के बाद से ही पार्टी इस बड़ी हार की समीक्षा करने में जुट गई है. इस बीच रविवार (1 दिसंबर) को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक भी सीट नहीं जीतने के बाद सोलापुर सांसद प्रणीति शिंदे ने उन तमाम उम्मीदवारों और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की बैठक हार पर मंथन किया.
सोलापुर में बैठक के दौरान प्रणीति शिंदे ने कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद चेहरे पर खुशी होती है लेकिन महाराष्ट्र जीतने के बाद भी मोदी के चेहरे पर खुशी नहीं है. ईवीएम में हेरफेर कर चुनाव जीतने के बाद किसी भी बीजेपी नेता के चेहरे पर कोई खुशी नहीं है.
'ये लोकतांत्रिक चुनाव नहीं था'
प्रणीति शिंदे का दावा है, "यह लोकतांत्रिक चुनाव नहीं था, बल्कि बीजेपी ने कुछ चीजों में हेरफेर किया था. ये चुनाव सीधा नहीं था, कुछ चीजों में उनसे गलती हो गई. ये कोई लोकतांत्रिक चुनाव नहीं था, ये सिद्धांतों की लड़ाई नहीं थी."
'EVM में हेरफेर कर हासिल की सीटें'
उन्होंने कहा, "सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि जब हम चुनाव जीतते हैं तो चेहरे पर खुशी होती है और जब हारते हैं तो चेहरे पर दुख होता है. लेकिन ये चुनाव हम हारे नहीं हैं, जीते हैं प्रधानमंत्री का चेहरा देखिए, महाराष्ट्र जीत गए लेकिन उनके चेहरे पर कोई खुशी नहीं है. क्योंकि वे पीछे के रास्ते आए, ईवीएम में हेरफेर किया और 133 के करीब पहुंच गए. इसलिए बीजेपी में किसी के भी चेहरे पर खुशी नहीं है."
कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. पार्टी महज 16 सीटों पर सिमट कर रह गई. वहीं महाविकास अघाड़ी इस चुनाव में सिर्फ 46 सीटें मिलीं. इसमें शिवसेना यूबीटी के खाते में 20 और एनसीपी शरद पवार गुट के हिस्से में 10 सीटें आईं थी.
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