Mumbai News: क्या टूट जाएगी बाला साहेब के जमाने की परंपरा ? दशहरा रैली को लेकर उद्धव-शिंदे गुट आमने-सामने
Maharashtra News: शिवसेना नेता और मुंबई के पूर्व महापौर मिलिंद वैद्य ने कहा कि BMC अधिकारी या तो हमें अनुमति दें या मना कर दें, स्थिति साफ करें. वैसे हम शिवाजी पार्क में रैली के अपने फैसले पर अडिग हैं.
Mumbai: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना (Shiv Sena) ने साफ-साफ कहा है कि पार्टी की सालाना दशहरा रैली मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान (Shivaji park of Mumbai) में ही होगी, इसके लिए बृहनमुंबई नगर निगम (BMC) अपनी मंजूरी दे या नहीं. मुंबई के पूर्व महापौर मिलिंद वैद्य के नेतृत्व में शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को नगर निकाय के अधिकारियों से मुलाकात की. शिवसेना के इन नेताओं ने बीएमसी के अधिकारियों से रैली आयोजित करने की अनुमति के लिए उनके आवेदन की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी मांगी.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की मांग
अधिकारियों से मिलने के बाद मिलिंद वैद्य ने कहा कि प्रशासन को या तो हमें अनुमति देनी होगी या मना कर देना चाहिए. स्थिति साफ तो करनी ही चाहिए. वैसे हम शिवाजी पार्क में रैली करने के लिए अपने फैसले पर अडिग हैं.उन्होंने कहा कि अगर हमें जवाब नहीं मिला तो बाला साहेब की शिवसेना के कार्यकर्ता दशहरा रैली के लिए शिवाजी पार्क में इकट्ठा होंगे.ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुट दोनों ने ही मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी है.शिवसेना अपनी स्थापना के समय से ही शिवाजी पार्क पर दशहरा रैली करती आ रही है.
बीएमसी ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया है.दोनों गुटों ने विकल्प के रूप में बांद्रा कुर्ला कांप्लैक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में रैली करने की अनुमति के लिए भी आवेदन किया है.
एकनाथ शिंदे गुट को इस मैदान में मिली है इजाजत
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को बांद्रा कुर्ला कांप्लैक्स (बीकेसी) मैदान में दशहरा रैली करने की अनुमति मिल गई है, लेकिन उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना को अभी तक किसी मैदान की अनुमति नहीं मिली है.शिंदे गुट ने भी शिवसेना के पारंपरिक रैली स्थल शिवाजी पार्क का दावा भी अभी छोड़ा नहीं है.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में इस साल जून में शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत कर दी थी.इसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी और एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के सहयोग से अपनी सरकार बनाई थी. इसके बाद से ही शिवसेना के दोनों धड़ों में खींचतान चल रही है.
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