Maharashtra Politics: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को विश्वास जताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही समूह के साथ कानूनी लड़ाई में उनकी जीत होगी.


सुप्रीम कोर्ट की एक संविधानिक पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के एक आवेदन पर सुनवाई कर रही है. इस आवेदन में चुनाव आयोग को असली शिवसेना पर शिंदे के नेतृत्व वाले समूह के दावे पर निर्णय लेने से रोकने की मांग की गई है.


उद्धव को जीत का भरोसा


पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम जीतेंगे. उद्धव मुंबई में अपने आवास 'मातोश्री' में कैडर को संबोधित कर रहे थे.


23 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे और शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों द्वारा दायर याचिकाओं को पांच-न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा था. जिसमें दलबदल, विलय और अयोग्यता से संबंधित कई संवैधानिक सवाल उठाए गए थे.


Mumbai News: 'आप दूसरों के अधिकारों का अतिक्रमण क्यों करना चाहते हैं?' मांसाहार के विज्ञापनों पर बैन लगाने वाली याचिका पर हाई कोर्ट


तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि याचिकाओं ने अयोग्यता, अध्यक्ष व राज्यपाल की शक्ति और न्यायिक समीक्षा से संबंधित संविधान की 10 वीं अनुसूची से संबंधित महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दों को उठाया है. बता दें कि संविधान की 10वीं अनुसूची में निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों के उनके राजनीतिक दलों से दलबदल की रोकथाम का प्रावधान है और इसमें दलबदल के खिलाफ कड़े प्रावधान शामिल हैं. 


ठाकरे गुट ने पहले कहा था कि शिंदे के प्रति वफादार पार्टी के विधायक किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ विलय करके ही संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से खुद को बचा सकते हैं. वहीं शिंदे समूह ने तर्क दिया था कि दलबदल विरोधी कानून उस नेता के लिए हथियार का काम नहीं कर सकता है जिसने अपनी ही पार्टी का विश्वास खो दिया हो.


मालूम हो कि ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार, शिंदे और 39 अन्य विधायकों द्वारा शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के बाद गिर गई थी. जिसके बाद शिंदे ने 30 जून को सीएम और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी.


ये भी पढ़ें


Thane Crime: प्रेमिका के शव को ठिकाने लगाने के लिए शख्स ने बुक की एंबुलेंस, ऐसे हुआ मामले का खुलासा