Maharashtra: सीवर का पानी गोदावरी में छोड़ने को लेकर NGT ने महाराष्ट्र सरकार को लगाई फटकार, जानिए क्या कहा
NGT Reprimanded Maharashtra Government: त्रिम्बकेश्वर में गोदावरी को जोड़ने वाली नदी में सीवर का पानी छोड़े जाने के बाद, महाराष्ट्र सरकार के जरिये रोकने में नाकामी को लेकर NGT की पीठ ने फटकार लगाई है.
Maharashtra News: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने त्रिम्बकेश्वर (Trimbakeshwar) में गोदावरी (Godavari) को जोड़ने वाली नदी में सीवर का गंदा पानी (Sewage Water) छोड़ने से रोकने में नाकाम रहने पर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को फटकार लगाई है. एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की पीठ ने कहा कि, "एक दिन में 4.5 से 5 मिलियन लीटर (एमएलडी) सीवर का पानी उत्पन्न होता है, लेकिन सिर्फ सीवर के एक एमएलडी पानी के शोधन की व्यवस्था है.
उन्होंने कहा कि, "सीवर का शेष अशोधित पानी नदी में छोड़ा जा रहा है. यही कारण है कि नदी का पानी नहाने तक के लिए उचित नहीं है, लेकिन मानव और अन्य जीवों के जरिये इसे पीने में इस्तेमाल किया जाता है. जिससे उनके स्वास्थ्य पर हानिकारक असर पड़ता है. पीठ ने कहा, "हम महाराष्ट्र और उसके संबंधित अधिकारियों के अमानवीय आचारण पर सख्त नाराज़गी व्यक्त करते हैं." पीठ ने इस पीठ ने आगे कहा, "पिछले दो साल से अधिक समय में इस अधिकरण के बार-बार के आदेशों के बावजूद कार्रवाई नहीं करने के बाद, अब अगस्त 2023 तक कार्रवाई का प्रस्ताव देते हैं."
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पीठ ने कहा, "हमें इसका कोई कारण नहीं मिला कि, उच्चतम न्यायालय के 2017 के आदेश के बावजूद पहले ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं की गई. वहीं उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक, दोषी अधिकारियों को अभियोजित क्यों नहीं किया जा रहा है. अनुशासनात्मक कार्रवाई दिखावा है और पूरी तरह से अपर्याप्त प्रतीत होती है और यह वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ नहीं की गई है. जो इस स्थिति के लिए वास्तविक तौर पर जिम्मेदार हैं."
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