Maharashtra OBC Reservation: महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी (OBC) के आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि आरक्षण की अनुमति मिलने से पहले जिन 365 जगहों पर चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी थी, वहां बिना आरक्षण के ही चुनाव होंगे. उन सीटों के लिए नए सिरे से चुनाव की अधिसूचना नहीं जारी हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य चुनाव आयोग ने ऐसा किया तो यह कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी.
SC ने बंठिया आयोग की ओबीसी आरक्षण की सिफारिश की थी मंजूर
गौरतलब है कि 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बंठिया आयोग की महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. साथ ही निर्देश दिया कि राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव अगले दो सप्ताह में अधिसूचित किए जाएं. वहींमहाराष्ट्र में शिंदे-भाजपा सरकार और विपक्षी दलों दोनों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था.बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को खारिज कर दिया था. सर्वोच्च न्यायालय ने उस समय कहा था कि इस बाबत आबादी के ठोस आंकड़े नहीं थे.
महाराष्ट्र में कितने फीसदी हैं ओबीसी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र राज्य में ओबीसी की संख्या 38 प्रतिशत है. पूर्व की एमवीए सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण दिलाने के लिए ही पूर्व मुख्य सचिव जयंत कुमार बांठिया की अध्यक्षता में बांठिया आयोग का गठन किया गया था. इस आयोग ने राज्य की वोटर लिस्ट के आधार पक अनुभवजन्य डाटा तैयार किया था और सुप्रीम कोर्ट में इसी के बेस पर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश भी की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी.
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