Maharashtra Old Pension Scheme Strike: सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग को लेकर राज्य सरकार की टेंशन बढ़ गई है. सरकारी और अर्धसरकारी कर्मचारी आज से हड़ताल पर हैं. मुख्यमंत्री के साथ बैठक में कोई हल नहीं निकलने पर कर्मचारी हड़ताल पर जाने को तैयार हैं. नतीजतन, राज्य भर में लगभग 18 लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं. मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि वे सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेंगे, लेकिन इससे संतुष्ट नहीं होने पर सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है.
हड़ताल का छात्रों पर होगा असर?
इस बीच इस हड़ताल से आम जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जैसा कि राज्य में शिक्षकों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है, इसका 10वीं और 12वीं के पेपर की परीक्षा पर काफी असर पड़ेगा. इसी प्रकार पंचनामा प्रक्रिया में असामयिक क्षति की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही सरकारी दफ्तरों में लोगों का रोजमर्रा का काम भी ठप रहने की संभावना है. इस हड़ताल में राज्य सरकार कर्मचारी केन्द्रीय संघ, महाराष्ट्र, राज्य सरकार-अर्द्धशासकीय, शिक्षक-अध्यापक कर्मचारी संघ समन्वय समिति, महाराष्ट्र भाग ले रहे हैं. राज्य सरकार-अर्धसरकारी कर्मचारियों के इस हड़ताल में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
जानिए क्या हैं इनकी मांगें?
नई पेंशन योजना को समाप्त करना
लंबी सेवा संविदा कर्मियों को समान वेतन
सभी रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए
अनुकंपा नियुक्ति बिना किसी शर्त के करें
सभी भत्तों को केंद्र से मंजूरी
सेवानिवृत्ति की आयु 60 करें
नई शिक्षा नीति को खत्म करो
स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं का तत्काल समाधान करें
हड़ताल में भाग लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई
महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1979 के नियम 6 के प्रावधानों के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य सरकार-अर्ध-सरकारी कर्मचारी संघ द्वारा आहूत हड़ताल अवैध है. इसलिए इस हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव भांगे ने प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपनी हड़ताल वापस लें और सरकार के काम को बिना रुके उचित तरीके से सरकार के सामने रखें ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो.
राज्य सरकार क्या करेगी?
कोल्हापुर, नागपुर, सांगली, ठाणे समेत कई जगहों पर कर्मचारी संघों ने मार्च निकाला. उसके बाद इस संबंध में एक अहम बैठक हुई. लेकिन, कोई समाधान नहीं निकला तो सोमवार को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में एक अहम बैठक हुई. लेकिन, कोई हल नहीं निकला और फिर संगठनों के संयोजकों ने हड़ताल की घोषणा कर दी. अगर सभी जगह के कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो इसका असर आम लोगों के जीवन पर भी पड़ेगा. ऐसे में अब सबकी निगाह इस बात पर है कि राज्य सरकार क्या करेगी.