Maharashtra Rain: बारिश के कारण बर्बाद हुई किसानों की फसलों के लिए मुआवजे की मांग, अजित पवार ने रखी ये डिमांड
Maharashtra में नेता विपक्ष अजित पवार ने बाढ़ और बारिश के कारण बर्बाद हुई किसानों की फसलों के लिए मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा है कि किसानों को 75,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाना चाहिए.
Ajit Pawar Demands This Compensation For Farmers: महाराष्ट्र (Maharashtra) में हुई भीषण बारिश के कारण हुए किसानों के नुकसान को देखते हुए राज्य के विपक्ष के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने सरकार से एक मांग की है. उन्होंने राज्य में गीला सूखा घोषित करने की मांग करते हुए कहा है कि भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवजे के रूप में 75,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाना चाहिए. अजित पवार विदर्भ के बारिश प्रभावित गढ़चिरौली और चंद्रपुर जिलों के दौरे पर हैं.
उन्होंने कहा कि “लगभग 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से प्रभावित हुआ है. इसमें से करीब 25,000 हेक्टेयर अकेले गढ़चिरौली जिले में है. हम मांग करते हैं कि राज्य आपदा मोचन बल की कसौटी को अलग रखा जाए और प्रभावित लोगों को 75,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाए.' बाद में उन्होंने चंद्रपुर जिले का दौरा किया. पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के निर्देश और आश्वासन के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई पंचनामा नहीं किया गया है. उन्होंने पूछा कि “किसानों को आधार कार्ड और आवेदन जमा करने के लिए कहा गया है. यदि पंचनामा नहीं आयोजित किया जाता है, तो सरकार राहत कैसे दे सकती है? ”
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महाराष्ट्र के इन इलाकों में पड़ा है खास असर
जुलाई की शुरुआती बारिश ने किसानों को खेतों में ले जाने में मदद की. लेकिन बुवाई के बाद हुई बारिश ने बाढ़ के साथ मिलकर फसलों को बर्बाद कर दिया. विदर्भ क्षेत्र में जहां किसान सोयाबीन और कपास की खेती करते हैं, बारिश से प्रभावित जिलों में भंडारा, गोंदिया, वर्धा, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, नागपुर, अमरावती, यवतमाल और बुलढाणा शामिल हैं. मराठवाड़ा में नांदेड़, हिंगोली, लातूर और बीड सबसे ज्यादा बारिश से प्रभावित जिले हैं. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन को नुकसान का पता लगाने और किसानों के मुआवजे का मूल्यांकन करने के लिए पंचनामा आयोजित करने का निर्देश दिया.