पालघर: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पालघर (Palghar) के रहने वाले एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने पांच लोगों की गिरफ्तारी के साथ मामले को सुलझाने का दावा किया है. व्यक्ति का शव मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग से बरामद किया गया था. गौरतलब है कि पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से तीन कर्नाटक के कलबुर्गी से हैं.
पुलिस ने किया मामले का खुलासा
पुलिस ने कहा कि जिले के वालिव थानाक्षेत्र के एक स्थान से 26 अप्रैल को 52 वर्षीय पीड़ित अमरजी गमीरा बलाई का काफी क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया था. पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि 12 अप्रैल को किसी विवाद के चलते उसकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस के मुताबिक पांच आरोपियों में से कपिल चंदू राठौड़, उसके भाई अमोल और लक्ष्मण पवार को कर्नाटक के कलबुर्गी से गिरफ्तार किया गया, जबकि दो अन्य आरोपी दिनेश और विशाल अडे को क्रमश: वसई और भिवंडी से गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मामला दर्ज किया
मीरा भयंदर-वसई विरार पुलिस आयुक्तालय के पुलिस उपायुक्त (अपराध) डॉ. महेश पाटिल ने कहा कि 16 अप्रैल को एक शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें कहा गया था कि बलाई 12 अप्रैल से अपने घर से लापता था. पुलिस ने एक व्यक्ति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की. उन्होंने कहा, “पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अमोल राठौड़ और उसके साथियों ने अमरजी की हत्या कर दी थी और सबूत मिटाने के लिए उसके शव को मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर फेंक दिया था. जिसके बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्यों को गायब करना) के तहत 26 अप्रैल को मामला दर्ज किया गया.”पाटिल ने कहा कि पुलिस जांच दल ने बाद में एक सूटकेस में पैक कर सड़क किनारे फेंका गया पीड़ित का अत्यधिक क्षत-विक्षत शव बरामद किया.
चाय की दुकान के मालिकाना हक को लेकर हुए विवाद में हत्या
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि पीड़ित और मुख्य आरोपी दिनेश खनायालाल चोबीसा के बीच कमान-भिवंडी रोड पर एक होटल के सामने स्थित एक चाय की दुकान के मालिकाना हक को लेकर पिछले छह महीने से विवाद चल रहा था. पुलिस के मुताबिक चोबीसा और उसके साथियों ने बलाई को खत्म करने की साजिश रची. साजिश के अनुसार, उन्होंने 12 अप्रैल को पीड़ित को उसके घर से बाहर बुलाया, उसकी हत्या कर दी और उसके शव को एक सूटकेस में पैक कर फेंक दिया. तुलिंज के सहायक पुलिस आयुक्त पंकज शिरसत ने कहा कि यह ‘कॉन्ट्रैक्ट किलिंग’ का मामला था और 70,000 रुपये में सौदा हुआ था.
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