परभणी: 'वह अंबेडकर की तरह...', पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत के बाद परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
Parbhani Violence: सोमनाथ की मौत के बाद परभणी कस्बे में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, क्योंकि आरोप लगे थे कि पुलिस ने दलित क्षेत्र से लोगों को हिरासत में लेकर उनके साथ बर्बरता की.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के परभणी जिले में बीते 10 दिसंबर को संविधान के अपमान के बाद हुई हिंसा मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था. इस दौरान 15 दिसंबर को गिरफ्तार किए गए लोगों में से सोमनाथ सूर्यवंशी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. इसके बाद पीड़ित परिजन पुलिस वालों पर सूर्यवंशी की मौत का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं.
सोमनाथ सूर्यवंशी की मां विजयाबाई सूर्यवंशी ने कहा, उसकी भीमराव अंबेडकर के जैसे सिर्फ एक पर्सेंट बनने की ख़्वाहिश रखता था. वह अंबेडकर की तरह ही एलएलबी कर रहा था. उसकी मौत के दो दिन बाद उसकी परीक्षा थी. वहीं सोमनाथ के भाई प्रेमनाथ ने कहा, सोमनाथ पढ़ने में बहुत अच्छा था.
उन्होंने कहा, "2018 में हमारे पिता की मौत के बाद परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लेकिन सोमनाथ को लगता था कि पढ़ाई उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने और दूसरों की मदद करने का एक मात्र तरीका है. सोमनाथ ने औरंगाबाद, लातूर, परभणी और पुणे जैसे शहरों में कई कोर्स किए थे. सोमनाथ वकील बनने के बाद जरूरतमंदों की मदद करना चाहता था."
सोमनाथ की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन
बता दें, सोमनाथ की मौत के बाद परभणी कस्बे में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, क्योंकि आरोप लगे थे कि पुलिस ने दलित क्षेत्र से लोगों को हिरासत में लेकर उनके साथ बर्बरता की है, जबकि अंतरिम पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण काफी चोटों के बाद सदमे को बताया गया. दरअसल, परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर 10 दिसंबर की शाम को बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की प्रतिकृति पर लगा कांच तोड़े जाने के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसने हिंसक रूप ले लिया था.
लोगों ने पुलिस पर लगाया ये आरोप
इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 50 लोगों को हिरासत में लिया था, जिसमें सोमनाथ सूर्यवंशी भी शामिल था. स्थानीय लोगों का दावा है कि पुलिस रात में दलितों के इलाकों में आई और यहां तक कि महिलाओं को भी नहीं बख्शा. सोमनाथ को शंकर नगर से उठाया गया. यह दलितों की बस्ती है. इतना ही नहीं उसे दो दिनों के लिए पुलिस हिरासत में रखा गया.
इसके बाद 15 दिसंबर को परिवार को बताया गया कि उसकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. सोमनाथ के परिजनों की उससे आखिरी बार बात 9 दिसंबर को हुई थी. इसके बाद उसका परिवार से किसी भी तरह का कॉन्टैक्ट नहीं हुआ था. सोमनाथ की मौत की खबर सुनकर सूर्यवंशी परिवार जब परभणी शहर जा रहा था, तभी उन्हें बताया गया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद भेज दिया गया है.
सोमनाथ की मौत पर गुस्सा भड़कने से हिंसा होने की आशंका के चलते पुलिस ने परिवार से कहा, वे शव को परभणी वापस नहीं ले जा सकते. वहीं परिजनों के न मामने पर पुलिस ने उनकी मां से कहा," अगर स्थिति बिगड़ती है तो क्या इसकी जिम्मेदारी वो लेगीं?" जिसपर उन्होंने पूछा कि "क्या वे मेरे बेटे की मौत की जिम्मेदारी लेते हैं?"
सीएम ने दिए जांच के निर्देश
वहीं इस मामले में विपक्ष सरकार को घेर रही है. शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा में परभणी की घटना पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "सोमनाथ को सांस लेने में तकलीफ और अन्य बीमारियां थी और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने पर उसने किसी भी पुलिस यातना की शिकायत नहीं की थी."
मुख्यमंत्री ने कहा, "सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत के मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही परभणी हिंसा की न्यायिक जांच कराकर सभी संदेह दूर किए जाएंगे. अंबेडकर किसी जाति तक सीमित नहीं हैं. वह सभी के हैं."