Maharashtra News: महाराष्ट्र के पात्रा चॉल के पुनर्विकास से जुड़े धनशोधन मामले में एक महिला गवाह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि जांच के दौरान दिए गए अपने बयानों को बदलने के लिए उसे धमकियां मिल रही हैं. इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत भी आरोपियों में से एक हैं. महिला गवाह ने 28 अगस्त को अतिरिक्त निदेशक (पश्चिमी क्षेत्र) अमित दुआ को लिखा एक पत्र सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर पोस्ट किया.


महिला ने दावा किया कि "मैंने देश के सभी अधिकारियों को अपनी दुर्दशा बताई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, कोई जांच नहीं की गई. कोई प्राथमिकी नहीं, क्यों? मेरे मरने के बाद न्याय देने का कोई मतलब नहीं होगा." वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के एक नेता ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मुंबई के पुलिस आयुक्त के सामने उठाया जाएगा.


अगस्त 2022 में संजय राउत हुए थे गिरफ्तार
संजय राउत को ईडी ने पात्रा चॉल के पुनर्विकास से जुड़े धनशोधन मामले में एक अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था. उन्हें नौ नवंबर 2022 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. इस मामले में महिला गवाह ने पिछले साल मुंबई पुलिस से शिकायत की थी कि उसे एक धमकी भरा पत्र मिला है, जिसमें उस पर दबाव डाला गया है कि वह अदालत में गवाही नहीं दे.


महिला गवाह ने कहा कि "मैं आपके (ईडी) संज्ञान में लाना चाहूंगी कि इस मामले में आरोपी और उसके गुंडे लगातार मुझे और शायद अन्य लोगों को धमकाने/बयानों से छेड़छाड़ करने में लगे हुए हैं. मुझे लगातार धमकाया जा रहा है और जांच के दौरान दिए गए अपने बयानों को बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है. 


उन्होंने कहा कि "मुझ पर संजय राउत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर कुछ जमीनों और संपत्तियों के मालिकाना हक के लिए भी दबाव डाला जा रहा है." उन्होंने ईडी के अधिकारी से मामले की जल्द जांच करने का अनुरोध किया. वहीं शिवसेना के नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि पार्टी गवाह को अपना समर्थन देती है.



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