Maharashtra Crime News: बीते दिनों महाराष्ट्र के नासिक में समुदाय विशेष के बुजुर्ग की कई लोगों ने एक्सप्रेस ट्रेन में पिटाई कर दी. बुजुर्ग को प्रताड़ित करने वाले यात्रियों को शक था कि उनके टिफिन में गोमांस है. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों को हिरासत में लिया गया, लेकिन रविवार को मजिस्ट्रेट ने उन्हें रिहा कर दिया. फिलहाल सोमवार को तीनों आरोपियों पर सप्लीमेंट्री चार्जेस लगाने के बाद मजिस्ट्रेट ने उनकी बेल कैंसिल कर दी.


दरअसल, एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर कहा, "बुजुर्ग हाजी अशरफ अली को जिन दरिंदों ने ट्रेन में मारा-पीटा था, उनको बेल बॉंड पर मजिस्ट्रेट ने रिहा कर दिया था. वहीं सप्लीमेंट्री चार्जेस लगाने के बाद उन तीनों दरिंदों की बेल मजिस्ट्रेट ने कैंसिल कर दी और पुलिस को आदेश दिया उनको फिर से हिरासत में लिया जाए."






बता दें ठाणे पुलिस ने इस केस में जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शब्दों का प्रयोग करना (BNS की धारा 302) और डकैती या डकैती करते समय घातक हथियार का उपयोग करना या किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना (BNS की धारा 311) को जोड़ा है. इन मामलों में दोष साबित होने पर कम से कम सात साल की सजा होती है.


क्या है पूरा मामला?
कल्याण के रहने वाले पीड़ित 72 वर्षीय बुजुर्ग अशरफ अली सैयद 28 अगस्त को धुले एक्सप्रेस ट्रेन से अपनी बेटी के घर मालेगांव जा रहे थे. इस यात्रा के दौरान उनके पास कुछ सामान भी था. आरोपियों को शक था कि उनके सामान में गोमांस है. इसके बाद आरोपियों ने उनके सामान की तलाशी लेते हुए पूछताछ शुरू की. इस दौरान आरोपी उनसे गाली गलौज करने लगे और फिर उन्हें पीटना शुरू कर दिया. इस घटना के संबंध में सहयात्रियों ने एक वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. 


जब यह वीडियो वायरल हुआ, तब जीआरपी ने उस बुजुर्ग व्यक्ति को खोजा और उसे शिकायत देने के लिए संपर्क किया, लेकिन शुरू में वो राजी नहीं थे. इसके बाद ठाणे रेलवे पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर ने शिकायतकर्ता की बेटी के घर जाकर शिकायतकर्ता के सामने बयान दर्ज किया. वहीं घटना के संदर्भ में ठाणे जीआरपी ने 4-5 यात्रियों के खिलाफ एक बुजुर्ग यात्री की चलती ट्रेन में पिटाई करने के मामले में FIR दर्ज किया. 


शिकायतकर्ता की शिकायत के अनुसार, ठाणे रेलवे पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2), 191(2), 190, 126(2), 115(2), 324(4)(5), 351(2)(3), 352 के तहत मामला दर्ज किया गया. सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो की जांच कर तीन आरोपियों को हिरासत में लिया था.



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