Maharashtra News: महाराष्ट्र में कुछ दिन पहले नंदिग्राम एक्सप्रेस के टॉयलेट में 35 साल के एक यात्री का शव मिला था. इस घटना के तीन दिन बाद, दादर पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एक महिला सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक जिसका शव मिला था उसका नाम बाबा साहेब साबले, जो घाटकोपर के रहने वाले थे. साबले ने ट्रेन में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी.
पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए मृतक साबले की पत्नी सुनीता से पूछताछ की जिसमें उसने आरोप लगाया कि उनके पति ने एक झूठे मामले से बेहद परेशान होकर आत्महत्या कर ली. सुनीता ने दावा किया कि उनके पति पर एक महिला ने एक भद्दा आरोप लगाया था.
दादर पुलिस के अनुसार, साबले एक सफाई कर्मचारी थे, 21 जुलाई को जब वो घाटकोपर के असल्फा गांव में एक नाले की सफाई कर रहे थे। उस समय अनजाने में, उनका तौलिया फिसल गया. रसिला महेंद्र चौहान, नाम की महिला वहां से गुजर रही थीं, उन्हें लगा कि साबले ने यह जानबूझकर किया और उनपर अश्लीलता का आरोप लगाया.
उसने उसी दिन घाटकोपर पुलिस स्टेशन में साबले के खिलाफ शिकायत की जिसके बाद पुलिस ने धारा 79 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली. एफआईआर की जानकारी मिलते ही, साबले गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने गांव हिंगोली चले गए.
साबले की पत्नी सुनीता ने पुलिस को आगे बताया कि घाटकोपर पुलिस बार-बार उनके पति के बारे में पूछताछ करती रही. इसके अलावा, चौहान, उनके पति और रिश्तेदारों ने उनके घर पर बार-बार जाकर उन्हें परेशान किया. सुनीता ने यह भी आरोप लगाया कि शिवसेना से जुड़े एक पूर्व बीएमसी कॉरपोरेटर किरण लांडगे ने भी उन्हें और उनके पति को धमकाया. साबले डर गए थे कि मुंबई लौटने पर उन्हें किन मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा इसी वजह से उन्होंने इस तरह का कदम उठाया.
सुनीता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने चौहान, उनके पति महेंद्र चौहान, संतोष चौहान और आंतेश चौहान के साथ-साथ लांडगे के खिलाफ धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 351(2) और 352 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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