Maharashtra: '...सरकार खतरे में है', सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अजित पवार ने शिंदे गुट को लेकर दिया बड़ा बयान
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष का फैसला कुछ ही देर में आ जायेगा. इससे पहले अजित पवार ने कहा, परिणाम जो भी हो, मेरी अपनी राय है. सर्वोच्च न्यायालय सर्वोच्च है.
Maharashtra Politics: नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने कहा कि जब तक 145 का नंबर उनके पास है, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार को खतरा है. हम सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. चर्चा थी कि मई में रिजल्ट घोषित किया जाएगा. नतीजा आज दिया जाएगा. अजित पवार ने कहा कि देखते हैं नतीजा क्या होता है.
अजित पवार ने कही ये बात
एबीपी माझा के अनुसार, पवार ने कहा, परिणाम जो भी हो, मेरी अपनी राय है. सर्वोच्च न्यायालय सर्वोच्च है. हालांकि, मुझे लगता है कि वे इसे विधानसभा को भेज देंगे. अजित पवार ने कहा कि मैंने इस बारे में कुछ विद्वानों से बात की है. आज उनके पास 145 से ज्यादा बहुमत है. उन्होंने बजट पेश किया है. वे लोकतंत्र की ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं. अजित पवार ने कहा कि जब तक 145 का आंकड़ा उनके पास है, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार खतरे में है. अजित पवार लातूर जिले के दौरे पर थे. जब मीडिया से बातचीत के दौरान अजित पवार ने ये बातें कही.
महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष पर फैसला आज
बहुप्रतीक्षित और बहुप्रतीक्षित महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष का फैसला कुछ ही देर में आ जायेगा. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ ने कल (10 मई) एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि संविधान पीठ 11 मई को दो अहम मामलों पर फैसला सुनाएगी. इसलिए सबकी निगाह आज के रिजल्ट पर है. देश के राजनीतिक इतिहास के सबसे पेचीदा मामले का सुप्रीम कोर्ट कैसे विश्लेषण करेगा? राज्य ही नहीं बल्कि पूरा देश इस पर ध्यान दे रहा है.
16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग
इन सभी मामलों में सबसे बड़ा और अहम मुद्दा शिवसेना ठाकरे गुट द्वारा मांगे गए 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने का है? यह भी उम्मीद की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ फैसला लेगी या मामला विधान सभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा. पिछले साल जून में हुए विधान परिषद चुनाव के बाद सत्ता संघर्ष का ड्रामा शुरू हो गया था. इस ड्रामे में ठाकरे गुट की ओर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ पहले पांच दिनों के भीतर आए विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी कर दो दिन की समय सीमा दी गई थी. इसमें खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल थे. तो उनके साथ अयोग्य घोषित किए गए 16 विधायकों के भाग्य का क्या परिणाम होगा?