Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में बीते एक हफ्ते के अधिक समय से चल रहे घमासान के अभी थमने के आसार नहीं हैं. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवेसना (Shivsena) के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अगुवाई में पार्टी के 36 से अधिक विधायक असम स्थित गुवाहाटी के एक होटल में जमे हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार ये विधायक आगामी 5 जुलाई तक होटल में ही रुके रहेंगे. एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास 36 से अधिक शिवसेना के विधायकों समेत कई निर्दलियों का समर्थन है. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) के घर हुए मंथन में फैसला हुआ है कि बीजेपी विधायक मुंबई में ही रहेंगे.


शिवसेना के बागी विधायकों को होटल में ही रोके जाने का फैसला ऐसे वक्त में हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता की कार्रवाई पर 11 जुलाई तक ही रोक लगा दी है. इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने बागी मंत्रियों के विभाग अन्य विधायकों को सौंप दिए हैं. सरकार ने एक बयान में कहा कि कामकाज में कोई दिक्कत ना आए इसलिए गुवाहाटी में मौजूद मंत्रियों के मंत्रालय, अन्य मंत्रियों को दिए गए हैं. 


नैतिकता की परीक्षा दें बागी विधायक- आदित्य ठाकरे
वहीं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने सोमवार को पार्टी के बागी विधायकों से कहा कि फ्लोर टेस्ट से पहले, शिवसेना के बागी विधायकों नैतिकता की परीक्षा देनी चाहिए. होटल के बाहर सीआरपीएफ और सेना तैनात है. इसके जगह उन्हें कश्मीरी पंडितों और बाढ़ग्रस्त इलाकों में के लिए तैनात किया जाना चाहिए था.


'सीएम की बीमारी के दौरान रची साजिश'
आदित्य ठाकरे ने कहा कि बागी विधायकों ने सीएम उद्धव ठाकरे की बीमारी के दौरान साजिश रही. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने कहा कि जो भी वापस आना चाहता है, हमारे दरवाजे खुले हैं..अगर विद्रोह करने वाले सचमुच साहसी हैं, तो इस्तीफा दें और हमारे सामने खड़े हों. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने दावा किया कि गुवाहाटी में विधायकों का दो समूह है. 15-16 लोगों का एक समूह है जो हमारे संपर्क में हैं. दूसरा ग्रुप वो है जो भाग गया है और उनमें नैतिकता और साहस नहीं बचा है.


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