Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता पर कार्यवाही तेज, केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी गई चिट्ठी
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष मामले में ताजा अपडेट सामने आया है. खबर है की, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे को भी बुलाया जा सकता है.
MLA Disqualification Case: विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष की कार्यवाही अब तेज हो गई है. विधानमंडल ने केंद्रीय चुनाव आयोग से तत्कालीन शिवसेना के संविधान की प्रति मांगी है. एबीपी माझा के अनुसार, इसके लिए औपचारिक पत्र भी दिया गया है. सबसे अहम बात यह है कि विधानमंडल के एक विश्वस्त सूत्र ने जानकारी दी है कि आगामी मानसून सत्र से पहले एक बड़ा फैसला लिया जा सकता है. सूत्रों ने यह भी बताया कि इस कार्यवाही में जरूरत पड़ी तो दोनों गुटों के प्रमुखों यानी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे को भी सुनवाई के लिए बुलाए जाने की संभावना है.
जा सकते हैं शिंदे और ठाकरे
संभावना है कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा और जरूरत पड़ी तो दोनों नेताओं से जिरह भी की जाएगी. साथ ही दोनों गुटों को साक्ष्य भी जमा करने होंगे. सूत्रों ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति पहले तय करेंगे कि असली शिवसेना कौन है. महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के नतीजे के बाद विधायक निलंबन की गेंद विधानसभा अध्यक्ष के पाले में चली गई है. ऐसे में अब इस बात पर ध्यान देना शुरू हो गया है कि विधानसभा अध्यक्ष क्या फैसला लेंगे.
'क्रांतिकारी फैसला लूंगा'
कुछ दिन पहले राहुल नार्वेकर ने बयान दिया था कि मैं जल्द ही एक क्रांतिकारी फैसला लूंगा. नार्वेकर ने सांकेतिक बयान दिया था कि वह अभी निर्णय नहीं कहेंगे बल्कि गुण-दोष के आधार पर निर्णय देंगे. इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा होने लगी थी. महाराष्ट्र मामले की सुनवाई के दौरान इस बात पर भी बहस हुई कि क्या राष्ट्रपति को फैसला सुनाने की कोई समय सीमा होनी चाहिए. यानी शिंदे समूह के वकील हरीश साल्वे ने भी कहा कि वह चाहें तो राष्ट्रपति से 2-3 महीने में फैसला लेने के लिए कह सकते हैं, लेकिन फैसला वे खुद लेंगे.
नार्वेकर क्या फैसला करेंगे?
शिवसेना में बगावत के बाद राज्य की राजनीति में अभूतपूर्व मोड़ आया है. शिवसेना में बगावत के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया और राज्य में राजनीतिक सत्ता संघर्ष छिड़ गया. इस मामले में कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष पर फैसला आने के बाद विधायक के निलंबन की गेंद विधानसभा अध्यक्ष के पाले में फेंक दी गई है. तो अब बागी होकर शिवसेना छोड़ने वाले विधायक तय करेंगे कि वे पात्र हैं या अपात्र, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर.
किसके विधायक पात्र हैं और किसके विधायक अपात्र? विधानसभा अध्यक्ष के रूप में राहुल नार्वेकर को यह तय करने का अधिकार है, लेकिन असली दल किसका गुट है? राहुल नार्वेकर ने कुछ दिन पहले मीडिया से कहा था कि राहुल नार्वेकर के पास यह तय करने का अधिकार है. इसी तरह क्रांतिकारी फैसले को लेकर राहुल नार्वेकर के सांकेतिक बयान के चलते नार्वेकर क्या फैसला लेते हैं, यह देखना अहम होगा.