Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार (02 जून) को बड़ा सियासी भूचाल आ गया है. अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. एनसीपी भ्रम में पड़ गई है. अजित पवार के साथ एनसीपी का एक समूह शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया है कि एनसीपी के 40 विधायक उनके साथ हैं. लेकिन एनसीपी के न सिर्फ विधायक बल्कि 2 सांसद भी अजित पवार के साथ चले गए हैं.


सांसद सुनील तटकरे और अमोल कोल्हे दोनों शपथ ग्रहण के दौरान राजभवन में भी मौजूद थे. इसे शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. एबीपी न्यूज की सहयोगी साइट एबीपी माझा पर प्रकाशित एक खबर के अनुसार, अजित पवार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि अजित पवार द्वारा दिया गया अल्टीमेटम शरद पवार द्वारा नहीं मानने से नाराज हैं. अजित पवार ने विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है जिसके बाद उन्होंने राजभवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.

NCP के 9 विधायकों ने ली शपथ


बताया जा रहा है कि अजित पवार के पास 25 विधायकों का समर्थन पत्र है. इस बीच कहा जा रहा है कि इस बार एनसीपी (NCP) के कुल 9 विधायक (MLA) शपथ लिया. तो अब जब एनसीपी के दो सांसद भी अजित पवार के साथ चले गए हैं तो क्या उन्हें भी केंद्र में कोई जिम्मेदारी मिलेगी? ये देखना अहम होगा. सबसे पहले अजित पवार ने समर्थक विधायकों के साथ अपने आवास पर बैठक की. इसके बाद वह 17 विधायकों के साथ शिंदे सरकार को समर्थन देने के लिए राजभवन (Governor House) रवाना हुए. पवार के पहुंचने के बाद राजभवन में सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी पहुंचे जिनके साथ तमाम मंत्री भी मौजूद थे.


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