Maharashtra Assembly Monsoon Session: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ समय से लगातार सियासी हलचल देखी जा रही है. कुछ दिन पहले एनसीपी में अजित पवार ने सबसे पहले बगावत की इसके बाद उन्होंने NDA का दामन थाम लिया और महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद दोनों गुटों की तरफ से ये दावा किया गया कि उनके पास सबसे अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है. लेकिन एक खबर के अनुसार, एनसीपी विधायकों की स्थिति डामाडोल है और वो अभी भी दुविधा में हैं कि, वो शरद पवार का साथ दें या अजित पवार के साथ जाएं.


असमंजस में हैं एनसीपी विधायक? 
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के चल रहे सत्र में लुका-छिपी का खेल खेल रहे हैं, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है कि कौन किस गुट के साथ है. अजित पवार ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, लेकिन आधिकारिक तौर पर उनके साथ सिर्फ 24 विधायक ही दिखे. विधानसभा में एनसीपी के केवल 12 से 16 विधायक सत्ता पक्ष पर बैठे दिखे, जबकि 12 से 14 विधायक विपक्ष के साथ बैठे दिखे. बाकी विधायक लुकाछिपी का खेल खेल रहे हैं. विधानसभा में एनसीपी के 54 विधायक हैं.

अब तक क्यों साफ नहीं हो सकी तस्वीर?

एक वरिष्ठ कांग्रेस विधायक ने कहा की “एनसीपी के ये विधायक केवल उपस्थिति पर हस्ताक्षर करने के लिए सदन में प्रवेश कर रहे हैं, वे सदन में बैठने से बचते हैं ताकि वे पार्टी में संकट के समय तटस्थ रह सकें. विधायक न तो अजित पवार के साथ दिखना चाहते हैं और न ही शरद पवार के साथ. इसलिए, यह पहचानना बहुत मुश्किल है कि किसके साथ अधिक विधायक हैं. आगे उन्होंने कहा कि यह भ्रम तब तक जारी रहेगा जब तक अजित पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बन जाते.'


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