Maharashtra Political Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने कहा कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना (Shiv Sena) के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस पर निर्णय लेने में देरी से विधानसभा अध्यक्ष की संवैधानिक स्थिति पर सवाल उठ सकते हैं. एनसीपी प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो (NCP spokesperson Clyde Crasto) ने ट्विटर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narvekar) को राज्य विधानसभा के संवैधानिक प्रमुख के रूप में अपने अधिकार के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
क्या बोले एनसीपी प्रवक्ता?
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत पहले ही शिंदे के वफादार विधायक भरत गोगावले (MLA Bharat Gogavale) की शिवसेना व्हिप के रूप में नियुक्ति को अवैध करार दे चुकी है. क्रास्टो ने कहा कि इससे अध्यक्ष के लिए अयोग्यता के मुद्दे पर त्वरित निर्णय लेना आसान हो जाता है क्योंकि अवैध व्हिप द्वारा दिए गए सभी निर्देश अमान्य हैं. एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि नार्वेकर को 16 विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे को हल करने के लिए एक निष्पक्ष और त्वरित निर्णय लेना चाहिए, इस निर्णय को लेने में देरी से अध्यक्ष की संवैधानिक स्थिति पर सवाल उठ सकता है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
विधान भवन में कुछ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए, नार्वेकर ने यह भी कहा कि सीएम शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय जुलाई 2022 में वास्तविक शिवसेना का प्रतिनिधित्व करने वाले गुट के बिंदु से शुरू होगा. पिछले साल महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार के पतन के कारण शिवसेना-केंद्रित झगड़े पर अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बहाल नहीं कर सकता क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना इस्तीफा देने का विकल्प चुना था.