Maharashtra News: शिवसेना के बागी विधायकों ने सीएम ठाकरे से की ये अपील, बताया क्यों नहीं लौट रहे महाराष्ट्र
Political Crisis In Maharashtra: बीते कई दिनों से असम के गुवाहाटी में ठहरे शिवसेना विधायकों ने महाराष्ट्र न लौटने की वजह का खुलासा किया है. वहीं उन्होंने सीएम ठाकरे से अपील भी की है.
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Maharashtra News: एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shiv Sena) के बागी खेमे ने शनिवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि जो विधायक गुवाहाटी में हैं, वे वहां हुई हिंसा के मद्देनजर महाराष्ट्र नहीं लौट रहे हैं. वहीं उन सभी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके आवासों और कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. सावंतवाड़ी से शिवसेना विधायक दीपक केसरकर द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए बागियों ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने की आवश्यकता दोहराई. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा सीएम से कहा है कि शिवसेना को भाजपा के साथ रहने की जरूरत है. महाराष्ट्र के विकास के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र और राज्य के मुख्यमंत्री के बीच अच्छा तालमेल जरूरी है.
बागी विधायकों ने सीएम की ये अपील
उन्होंने कहा कि हम सीएम से कहना चाहते हैं कि वह अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाएं और यह सुनिश्चित करें कि जो हिंसा हुई है उसे रोका जाए. हम राज्य में वापस जाने के लिए सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. हिंसा शुरू हो गई है और अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. महाराष्ट्र में कुछ बागी विधायकों की संपत्तियों और कार्यालयों के खिलाफ हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं. पुणे में बागी विधायक तानाजी जाधव के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई.
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शिंदे गुट को नहीं मिली मान्यता तो जाएंगे अदालत
केसरकर ने यह भी दोहराया कि उनकी पार्टी शिवसेना से अलग नहीं हो रही है और शिवसेना के 55 विधायकों में से अधिकांश शिंदे गुट के साथ हैं. हम अभी भी शिवसेना के साथ हैं. हमने पार्टी नहीं छोड़ी है. हम पार्टी का एक गुट बनाना चाहते हैं. हमारे पास दो तिहाई बहुमत है. हमारा दावा है कि हम शिवसेना से हैं और पार्टी के साथ रहेंगे. उन्होंने कहा कि अगर हमारे गुट को मान्यता नहीं दी जाती है, तो हम अदालत जाएंगे और अपनी संख्या साबित करेंगे. एनसीपी पर शिवसेना के कई विधायकों के रास्ते में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए केसरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे से शिकायत करने के बावजूद उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया.
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