Maharashtra Political Crisis: शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र सामना ने गुरुवार को संपादकीय में उद्धव सरकार के आखिरी कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी और राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से सवाल पूछे गए हैं. राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कैबिनेट (Uddhav cabinet) ने बुधवार को इस्तीफा देने से पहले कुछ शहरों और एक हवाई अड्डे का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया. इसी मुद्दे पर सामना में प्रकाशित संपादकीय में एक ओर जहां शिवेसना को हिन्दुत्व के मुद्दे पर अडिग बताया गया तो वहीं बीजेपी से कुछ तीखे सवाल भी पूछ गए.


सामना की संपादकीय में लिखा गया- "महाविकास आघाड़ी सरकार पर अस्थिरता के संकट मंडराने के दौरान ही ‘ठाकरे सरकार’ ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए. जनभावना से संबंधित ये निर्णय हैं. नई मुंबई हवाई अड्डे को लोकनेता दी.बा. पाटील का नाम देने का निर्णय लिया गया. औरंगाबाद का संभाजीनगर और उस्मानाबाद को धाराशीव करके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वचन पूरा किया. "


'विरोधियों के पास अब बोलने के लिए क्या बचा?'
बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस पर सवाल उठाते हुए संपादकीय में लिखा गया- " विपक्ष ने आरोप लगाया था कि ‘ठाकरे’ सरकार औरंगाबाद का संभाजीनगर करने से डरती है. असल में फडणवीस के महाराष्ट्र सरकार में होने के दौरान उन्होंने यह पुण्य कर्म क्यों नहीं किया, इस सवाल का उत्तर उन्हें पहले देना चाहिए!"


संपादकीय में लिखा गया- "शिवसेना ने शिवराय के विचारों का भगवा दुनिया में फहराया. महाराष्ट्र के स्वाभिमान को उसने नाखून भी नहीं लगने दिया. लोक भावना का आदर शिवसेना ने सदैव किया है. संभाजीनगर, धाराशीव व ‘दी.बा.’ के निर्णय से महाराष्ट्र की अस्मिता को तेज प्राप्त हुआ है और ठाकरे सरकार निखरकर सामने आई है. विरोधियों के पास अब बोलने के लिए क्या बचा है?"


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