Maharashtra Political Crisis: संजय राउत का बड़ा बयान- विधायक चाहें तो शिवसेना MVA से बाहर आने को तैयार, कांग्रेस ने दी ये प्रतिक्रिया
Maharashtra Politics: संजय राउत ने कहा कि अगर हमारे विधायक चाहें तो हम महाविकास आघाडी (MVA) से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके लिए विधायकों को सामने आकर बात करना होगा.
Maharashtra Political Crisis Live: शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के विद्रोह के बीच, पार्टी सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने को कहा कि अगर असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों का समूह 24 घंटे में मुंबई लौटता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मामले पर चर्चा करता है तो शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार छोड़ने के लिए तैयार है. इस पर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि हम बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए उनके (शिवसेना) साथ हैं. कांग्रेस फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है. हम एमवीए के साथ हैं और रहेंगे. अगर वे (शिवसेना) किसी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, तो हमें कोई समस्या नहीं है.
शिंदे के साथ शिवसेना के 37 बागी विधायक
एकनाथ शिंदे वर्तमान में शिवसेना के 37 बागी विधायकों और नौ निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिसने पार्टी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को संकट में डाल दिया है. एमवीए सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस (Congress) भी साझेदार हैं.
हम आपकी मांग पर विचार करने को तैयार
संजय राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, "आप कहते हैं कि आप असली शिवसैनिक हैं और पार्टी नहीं छोड़ेंगे. हम आपकी मांग पर विचार करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते आप 24 घंटे में मुंबई वापस आएं और सीएम उद्धव ठाकरे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करें. आपकी मांग पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा. ट्विटर और व्हाट्सऐप पर चिट्ठी मत लिखिए."
आएं और उद्धव ठाकरे से बात करें-राउत
उन्होंने कहा, "बागी, जो मुंबई से बाहर हैं, ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया है. अगर इन सभी विधायकों को लगता है कि शिवसेना को एमवीए से बाहर निकलना चाहिए, तो मुंबई वापस आने की हिम्मत दिखाएं. आप कहते हैं कि आपको सिर्फ सरकार के साथ परेशानी है और यह भी कहते हैं कि आप सच्चे शिवसैनिक हैं. आपकी मांग पर विचार किया जाएगा, लेकिन आएं और उद्धव ठाकरे से बात करें." मुख्यमंत्री ठाकरे ने बुधवार को शिंदे के विद्रोह के बीच शीर्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी और बाद में उपनगरीय बांद्रा में अपने परिवारिक घर जाने से पहले दक्षिण मुंबई में अपना आधिकारिक आवास भी खाली कर दिया था.