Anil Deshmukh News: जमानत पर बाहर अनिल देशमुख से जुड़ी खबर, अब कोर्ट ने दे दी ये इजाजत
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. फिलहाल वे जमानत पर जेल से बाहर हैं.
Maharashtra News: मुंबई की एक अदालत ने सोमवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख को बड़ी राहत दी है. अदालत ने अनिल देशमुख को चार हफ्तों के लिए नागपुर और नयी दिल्ली की यात्रा करने की अनुमति प्रदान कर दी. अनिल देशमुख धन शोधन और भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी हैं, जिनकी जांच क्रमश: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहे हैं.
जमानत पर बाहर हैं अनिल देशमुख
एनसीपी नेता फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. उनकी जमानत में ईडी और सीबीआई के मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालतों की अनुमति के बिना शहर न छोड़ने की शर्त शामिल थी. अधिवक्ता अनिकेत निकम और इंदरपाल सिंह के माध्यम से पिछले हफ्ते दायर दो अलग-अलग याचिकाओं में देशमुख ने कहा था कि वह नागपुर से ताल्लुक रखते हैं, जहां उनके परिवार की गहरी जड़े हैं. इसके अलावा, वह अपने विधानसभा क्षेत्र के एक निर्वाचित प्रतिनिधि भी हैं.
याचिकाओं में यह भी कहा गया था कि मौजूदा मामलों और उनसे संबंधित मुकदमों में आगे की रणनीति तय करने के वास्ते अपने वकीलों से विचार-विमर्श करने के लिए देशमुख को नयी दिल्ली की यात्रा करने की जरूरत है.
ईडी ने देशमुख को नवंबर 2021 में किया था गिरफ्तार
ईडी ने देशमुख को धन शोधन मामले में नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था. वहीं, सीबीआई ने उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया था. बंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिलने से पहले वह एक साल से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में थे.
मार्च 2021 में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को रेस्तरां और बार मालिकों से हर महीने 100 करोड़ रुपये एकत्रित करने का लक्ष्य दिया था.
मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के नजदीक खड़ी एक कार में विस्फोटक मिलने से जुड़े मामले में गिरफ्तार पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे ने भी देशमुख पर इसी तरह के आरोप लगाए थे.
उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था और जांच के आधार पर केंद्रीय एजेंसी ने कथित भ्रष्टाचार और अधिकारों के दुरुपयोग के आरोप में देशमुख और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
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