Maharashtra Politics: 19 साल पहले CM बनना चाहते थे उद्धव ठाकरे, शरद पवार के पास गई थी सिफारिश! सीएम एकनाथ शिंदे का बड़ा दावा
Maharashtra Politics: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया, ‘‘लेकिन तथ्य यह है कि इस पद के लिए उनके (उद्धव के) नाम की सिफारिश करने के लिए दो व्यक्तियों को पवार के पास भेजा गया था.’’
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को दावा किया कि उद्धव ठाकरे 2004 से ही मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पाले हुए थे, लेकिन बात नहीं बनी.
दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अपने नेतृत्व वाली शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने यह भी खुलासा किया कि मुख्यमंत्री पद के लिए ठाकरे के नाम की सिफारिश करने के लिए दो लोगों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार के पास भेजा गया था.
शिंदे ने दावा किया, ‘‘उनकी (उद्धव की) इच्छा 2004 से ही मुख्यमंत्री बनने की थी लेकिन ‘जुगाड़’ काम नहीं आया. उन्होंने दिखावा किया कि उनकी इस पद में कभी दिलचस्पी नहीं रही है. सार्वजनिक रूप से कहा गया कि उन्होंने शरद पवार की सलाह पर (2019 विधानसभा चुनाव के बाद) जिम्मेदारी स्वीकार की.’’
पवार के पास गया था नाम- सीएम एकनाथ शिंदे
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘लेकिन तथ्य यह है कि इस पद के लिए उनके (उद्धव के) नाम की सिफारिश करने के लिए दो व्यक्तियों को पवार के पास भेजा गया था.’’
ठाकरे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिंदे ने कहा कि चुनाव के बाद उद्धव ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा जताया. शिंदे ने आरोप लगाया, ‘‘वह कई मुखौटे लगाए हुए हैं. वह मौके का फायदा उठाते हैं.’’
शिंदे ने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर वे (शिवसेना-यूबीटी) असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ गठबंधन कर लें और ‘‘वे अपने स्वार्थी उद्देश्यों और कुर्सी (सत्ता) के लिए हमास, हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को गले लगा लें.’’
उन्होंने यह भी दोहराया कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है जो कानूनी जांच में खरा उतरेगा. साथ ही, उन्होंने युवाओं से आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाने की अपील की.