Maharashtra Politics: महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने शनिवार को अजित पवार पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वह नाखुश थे तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता को 2010-14 की कांग्रेसनीत पृथ्वीराज चव्हाण सरकार से अलग हो जाना चाहिए था.


उन्होंने अजित पवार की '100 प्रतिशत मुख्यमंत्री बनना पसंद करेंगे' वाले बयान पर परोक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर एनसीपी नेता के पास 145 विधायकों का बहुमत है, तो उन्हें मुख्यमंत्री बनना चाहिए.


'उन्होंने मंत्री पद की शपथ क्यों ली....?'
महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राकांपा के साथ महा विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है.  पटोले ने कहा, 'अजित पवार 2010 से 2014 तक कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण नीत सरकार में शामिल थे. यदि वह मजबूर थे तो उन्होंने मंत्री पद की शपथ क्यों ली? पृथ्वीराज चव्हाण हमारे नेता हैं और हम यह उम्मीद नहीं करते हैं कि अजित पवार उनके बारे में ऐसा कहेंगे.'


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पटोले ने पत्रकारों से कहा, 'अगर अजित पवार कांग्रेस-राकांपा सरकार में नाखुश थे, तो उन्हें उसे तब ही छोड़ देना चाहिए था.' अजित पवार, नवंबर 2010 से सितंबर 2014 तक पृथ्वीराज चव्हाण के कार्यकाल में उप मुख्यमंत्री थे.


तो उन्हें मुख्यमंत्री बनना चाहिए...
मुख्यमंत्री पद के संबंध में अजित पवार के बयान को लेकर सवाल पर पटोले ने कहा कि अगर कोई नेता राज्य का नेतृत्व करने की महत्वाकांक्षा पाल रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. पटोले ने कहा, 'अगर अजित पवार के पास 145 विधायकों (महाराष्ट्र विधानसभा में 288 में से) का बहुमत है, तो उन्हें मुख्यमंत्री बनना चाहिए.'


अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर अटकलों के बीच, अजित पवार ने शुक्रवार को कहा था कि राकांपा 2024 में विधानसभा चुनाव का इंतजार करने के बजाय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए 'अब भी' दावा कर सकती है.