Maharashtra: शिवसेना के चुनाव चिह्न विवाद पर 12 दिसंबर को सुनवाई करेगा चुनाव आयोग, मांगे सभी दस्तावेज
Mumbai News: अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में आयोग ने दोनों गुटों को पार्टी के नाम या उसके चिह्न 'धनुष और तीर' का उपयोग करने से रोक दिया था और विवाद के निपटान तक दोनों पार्टियों को अलग-अलग नाम दिया था.
Maharashtra politics: निर्वाचन आयोग (Election Commission) चुनाव चिह्न (Shiv Sena Symbol) को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) के उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)के नेतृत्व वाले विरोधी गुटों के मामले पर 12 दिसंबर को सुनवाई करेगा. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पार्टी के चुनाव चिह्न से संबंधित विवाद ''ठोस सुनवाई'' के चरण में पहुंच गया है और दोनों गुटों की पहली व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है जिसके लिए मंगलवार को आवश्यक आदेश जारी किया गया.
आयोग ने दोनों गुटों से दस्तावेज जमा कराने को कहा
आयोग ने दोनों समूहों को निर्देश दिया कि यदि कोई अन्य बयान या दस्तावेज है तो वे इसे नौ दिसंबर शाम पांच बजे तक जमा कराएं. इस महीने की शुरुआत में आयोग ने शिवसेना के विरोधी गुटों को 23 नवंबर तक पार्टी के नाम और उसके प्रतीक पर अपने-अपने दावों के समर्थन में नए दस्तावेज जमा कराने को कहा था. साथ ही उसने दोनों धड़ों से कहा था कि वे आयोग को सौंपे गए दस्तावेज एक-दूसरे से साझा करें. अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में आयोग ने दोनों गुटों को पार्टी के नाम या उसके चिह्न 'धनुष और तीर' का उपयोग करने से रोक दिया था. बाद में, आयोग ने पार्टी के नाम के रूप में ठाकरे गुट को 'शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे' और शिंदे गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' (बालासाहेब की शिवसेना) नाम दिया था. निर्वाचन आयोग ने कहा था कि अंतरिम आदेश 'विवाद के अंतिम निर्धारण तक' जारी रहेगा.
महाराष्ट्र में तख्तापलट के बाद शिंदे बने थे सीएम
शिंदे ने शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों और लोकसभा में इसके 18 में से 12 सदस्यों के समर्थन का दावा करते हुए ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी. शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में ठाकरे के इस्तीफे के बाद, शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे.
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