Shirur Lok Sabha Seat: शिरूर लोकसभा सीट पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार की आपसी दावेदारी के बाद अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उन्हें जवाब देने शिरूर लोकसभा आ रहे हैं. मुख्यमंत्री का शिव संकल्प अभियान 6 जनवरी को शिरूर लोकसभा से शुरू हो रहा है. चर्चा है कि इसके जरिए वह शिरूर लोकसभा में अपनी ताकत दिखाएंगे. इसलिए शिरूर लोकसभा सीट पर शिंदे गुट और अजित पवार गुट के बीच टकराव देखने की आशंका है. वहीं शिवाजीराव पाटिल ने मुख्यमंत्री शिंदे के दौरे की जानकारी दी है.
किसे मिलेगी ये सीट?
ABP माझा के अनुसार, शिरूर लोकसभा सीट पर महागठबंधन में किसे लड़ना चाहिए, इसे लेकर दावे-प्रतिदावे चल रहे हैं. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दावा किया है कि हम शिरूर लोकसभा सीट लड़ेंगे और जीतेंगे. दिलचस्प बात यह है कि महागठबंधन में शामिल अजित पवार ने आपसी सहमति से यह दावा किया है. अजित पवार के इसी दावे के बाद अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी इस लोकसभा क्षेत्र में रैली कर रहे हैं. इसलिए, उनके समर्थक दावा कर रहे हैं कि शिवाजीराव अदलराव पाटिल शिंदे समूह से उम्मीदवार हैं.
क्या बोले पाटिल?
इस बारे में बात करते हुए पाटिल ने कहा कि, ''अजित पवार के शिरूर लोकसभा उम्मीदवार जो शरद पवार समूह के सांसद अमोल कोल्हे को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं, वह तय करेंगे कि उनका उम्मीदवार कौन होगा. हालांकि, मैं शिंदे समूह में रहूंगा. पाटिल ने कहा कि अजित दादा ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह तय है कि वह शिरूर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
मुख्यमंत्री का दौरा
आगे बोलते हुए पाटिल ने कहा कि अजित पवार की घोषणा के बाद जो भी भ्रम पैदा हुआ है कि हम उन्हें जवाब दे रहे हैं, वह वास्तव में सच नहीं है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन 22 सीटों का दौरा करने का फैसला किया है जिन पर पहले शिवसेना ने चुनाव लड़ा था. इस दौरे के दौरान लोगों से मुलाकात कर कार्यकर्ताओं की बैठक ली जाएगी. उसके जरिए मिशन 48 कार्यक्रम चलाया जाएगा. कम से कम 45 सीटों पर महागठबंधन का चुना जाना तय हो गया है. और इसीलिए एकनाथ शिंदे लोकसभा क्षेत्र में बैठक कर रहे हैं.
शिरूर लोकसभा सीट पर किसका दावा?
उन्होंने आगे कहा, हालांकि अजित पवार ने शिरूर लोकसभा क्षेत्र पर दावा किया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनके दावे में कुछ भी गलत है. क्योंकि यह उनका जिला है और इस संसदीय क्षेत्र पर उनका दबदबा है. वहीं, मैं भी इस क्षेत्र से चार बार चुनाव लड़ चुका हूं. इसलिए उस निर्वाचन क्षेत्र पर हमारा भी वही दावा है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस सीट पर दावेदारी के लिए बैठक कर रहे हैं. इसलिए, अजित दादा अब तय करेंगे कि अमोल कोल्हे को हराने के लिए एनसीपी का उम्मीदवार कौन होगा.