Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी उठा-पटक जारी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिंदे सरकार के बीच जुबानी जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshiyari) को इस बात को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने पिछले साल जून में शिवसेना (Shivsena) में बगावत के बाद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के लिए पत्र जारी किया था. राकांपा ने कहा कि इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का स्पष्टीकरण अस्वीकार्य है.
राकांपा ने उठाया सरकार की वैधता पर सवाल
राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे (Mahesh Tapase) ने कहा कि पूरा प्रकरण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली और भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) वाली समर्थित सरकार की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाता है. पत्रकारों से बात करते हुए तापसे ने कहा, “सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक हालिया प्रश्न से पता चला है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के लिए कोई पत्र जारी नहीं किया था. अगर राज्यपाल का कार्यालय कह रहा है कि ऐसा कोई पत्र नहीं दिया गया था, तो यह इस सरकार की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाता है.
डिप्टी सीएम फडणवीस ने दिया जवाब
पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) सरकार के पतन के बाद, शिंदे ने 50 विधायकों और बीजेपी के समर्थन से एक नई सरकार बनाई थी. जब तापसे ने मंगलवार को शिंदे-बीजेपी सरकार को असंवैधानिक कहा, तो फडणवीस ने उनका प्रतिवाद करते हुए कहा, 'पत्र (शपथ ग्रहण के लिए शिंदे और उन्हें आमंत्रित करने वाला) राज्यपाल कोश्यारी के पास है क्योंकि इससे संबंधित एक मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है. हमारी सरकार संवैधानिक और कानूनी है.'
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