Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) पार्टी पर अधिकार को लेकर उद्धव और शिंदे गुट के बीच लड़ाई जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिख है. आयोग को लिखे पत्र में शिंदे गुट ने कहा है कि बड़ी संख्या में शिवसेना नेता उनके साथ आ गए हैं और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की तरफ से गठित कार्यकारिणी को खत्म कर दी गई है. साथ ही नई कार्यकारिणी गठित की गई है. सीएम शिंदे के इस कदम को पार्टी पर अधिकार को मजबूत करने वाला कहा जा रहा है.


दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे ने पार्टी के जिला प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे 50 लाख सदस्यों को शिवसेना के संविधान, इसके संस्थापक बाल ठाकरे और वर्तमान पार्टी अध्यक्ष के प्रति 'वफादारी' का शपथ पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहें. 'द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट' के मुताबिक जिला प्रमुखों को अगले कुछ दिनों में 'वफादारी' का हलफनामा जमा करने को कहा गया है. उपशाखा प्रमुख ठाकरे के प्रति अपनी निष्ठा दिखाने वाले पहले व्यक्ति होंगे.


'शिवसेना के हैं लगभग 36 लाख प्राथमिक सदस्य'


शिवसेना नेताओं ने कहा है कि ठाकरे को बिना शर्त समर्थन देने की प्रतिज्ञा का उद्देश्य शिंदे खेमे को पार्टी संगठन पर दावा करने से रोकना है और उनके इस दावे को मजबूत करने के लिए पहले से ही उन्हें राज्य विधायिका के बाहर रैंक और फाइल का समर्थन प्राप्त है. कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार यह शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष और बाण पर उनकी पकड़ को मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा. शिवसेना के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि शिवसेना के लगभग 36 लाख प्राथमिक सदस्य हैं और यह संख्या बढ़कर 50 लाख हो सकती है.


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उद्धव ठाकरे बोले- इस कठिन समय को बीत जाने दें


इससे पहले उद्धव ठाकरे  ने मंगलवार को जिला प्रमुखों से कहा "अब वे (शिंदे खेमे के विधायक और सांसद) सत्ता के फल का आनंद लेंगे, लेकिन जिस दिन बीजेपी को लगेगा कि ये लोग अब उपयोगी नहीं हैं, उन्हें हटा दिया जाएगा. इस कठिन समय को बीत जाने देना है. अब हम सदस्यता और हलफनामा बढ़ाने पर ध्यान देंगे. राज्य की राजनीति में क्या हो रहा है, इस पर ध्यान न दें. लोग हमारे साथ हैं. उन्हें आप पर प्यार हैं. लोग बागियों से नाराज हैं. यह मौका है शिवसेना का पुनर्निर्माण करें. एक बार जब हम 50 लाख प्रतिज्ञाओं का मील का पत्थर पूरा कर लेंगे, तो हम एक बैठक के लिए मुंबई में मिलेंगे."


इतने विधायक और सांसद हैं शिंदे गुट के साथ


गौरतलब है कि 40 विधायकों के बाद 19 लोकसभा सांसदों में से 12 और कुछ जिलों में ज्यादातर पार्षद अब एकनाथ शिंदे गुट के साथ हैं. उद्धव गुट ने पहले चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के दावे के मामले में उसके विचारों को सुना जाए. शिवसेना के एक नेता ने कहा कि तथ्य यह है कि पार्टी विधायिका में पार्टी से अलग है. साथ ही पार्टी का चिन्ह चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत है. एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने और विधानसभा और लोकसभा चुनावों में एक निश्चित वोट प्रतिशत सहित पार्टी का प्रतीक प्राप्त करने के लिए कई शर्तों को पूरा करना पड़ता है. ये हलफनामे चुनाव आयोग को दिए जाएंगे, अगर संगठन  के लिए कानूनी लड़ाई होती है.


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