शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपील की है कि सावरकर के लिए नकली प्यार न दिखाया जाए, उन्हें भारत रत्न दिया जाए. उन्होंने कहा कि यह मांग हम पिछले 15 साल से कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दिया जाता? राउत ने यह सवाल सरकार से भी पूछा. उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर दिल के बादशाह थे, उनके बाद बालासाहेब दिल के बादशाह थे. राउत ने यह भी कहा कि अगर आप बाला साहेब ठाकरे से इतना प्यार करते हैं तो आपको उन्हें भारत रत्न भी देना चाहिए. राउत ने यह भी कहा कि इन उपाधियों को देने से सावरकर या बालासाहेब बड़े नहीं होंगे, बल्कि उपाधियां बड़ी हो जाएंगी.


बालासाहेब को ढोंग से नफरत थी


राउत ने कहा कि बालासाहेब के विचारों की मशाल सिर्फ वफादारों के हाथ में ही हो सकती है. क्योंकि बालासाहेब ने जीवन भर वफादारी को महत्व दिया है. संजय राउत ने कहा कि उस प्रतिभा को कोई छीन नहीं सकता.  राउत ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने उनके बाद शिवसेना को तोड़ने की कोशिश की. राउत ने कहा कि बालासाहेब को ढोंग से नफरत थी.


शिंदे गुट पर साधा निशाना


संजय राउत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने हमेशा कहा है कि महाराष्ट्र में ढोंग नहीं चलेगा. उन्होंने कभी ढोंग और झूठ की वकालत नहीं की. दुर्भाग्य से, महाराष्ट्र में कुछ लोग कह रहे हैं कि हम बालासाहेब के विचारों के उत्तराधिकारी हैं, उन्हें पाखंडी कह रहे हैं, राउत ने शिंदे समूह की आलोचना की. वह लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं. राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता आज भी बाला साहेब के विचार से अभिभूत है, हम जीवन की अंतिम सांस तक उस मशाल को लेकर चलेंगे.


बालासाहेब ने महाराष्ट्र को दी ताकत


राउत ने कहा कि बालासाहेब की फटकार और उनकी भूमिका ने महाराष्ट्र को मजबूती दी. राउत ने कहा कि दूसरा बालासाहेब ठाकरे नहीं बनेंगे. बालासाहेब के नाम पर फैलाया गया भ्रम ज्यादा दिन नहीं चलेगा. राउत ने कहा कि बालासाहेब ने हिंदुत्व के विचार को हमारी नसों में बिठाया है.