Maharashtra News: वरिष्ठ राजनेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शरद पवार ने शनिवार (17 फरवरी) को कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि राजनीतिक पार्टी बनाने वालों को पार्टी से निकाला गया हो. इतना ही नहीं पार्टी का चिह्न भी छीन लिया गया. यह फैसला कानून के अनुरूप नहीं है. हमने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हमें अपनी सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने की जरूरत होगी.


वहीं इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि निर्वाचन आयोग का फैसला हैरान करने वाला है. उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग ने उन लोगों के हाथों से पार्टी छीन ली, जिन्होंने इसे बनाया और इसे (आयोग ने) दूसरों को दे दिया. पवार ने कहा कि लोगों के लिए कार्यक्रम और विचारधारा अहम है, जबकि किसी चुनाव चिह्न की उपयोगिता एक सीमित समय के लिए होती है.






चुनाव आयोग ने लिया फैसला
दरअसल चुनाव आयोग द्वारा हाल में उनके भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को मूल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के रूप में मान्यता दी थी. साथ ही इलेक्शन कमीशन ने पार्टी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी उन्हें आवंटित किया था. वहीं आयोग ने शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह के लिए पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ आवंटित किया है. 


अजित पवार गुट पहुंचा कोर्ट
वहीं अजित पवार गुट ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर कर दी है, जिसमें महाराष्ट्र के उपप्रमुख के नेतृत्व वाली पार्टी को मान्यता देने वाले चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले को चुनौती देने के लिए शरद पवार गुट द्वारा संभावित कदम की आशंका जताई गई थी. बता दें चुनाव आयोग के फैसले के बाद विपक्ष ने अजित पवार पर जमकर निशाना साधा है. 



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