Maharashtra Politics: शरद पवार ने बदली NCP की रणनीति, उद्धव ठाकरे से ली सीख, क्या कांग्रेस और शिवसेना को लगेगा झटका?
Maharashtra Politics: NCP में हुए दो फाड़ को जहां अभी तक शरद पवार मानने को तैयार नहीं हैं, वहीं अजित पवार ने पार्टी और चुनाव चिन्ह दोनों पर दावा किया है. इस बीच एनसीपी चीफ ने अपनी रणनीति बदल दी है.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी में कोई फूट नहीं हुई है. इतना ही नहीं उनकी बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने यहां तक कहा कि अजित पवार, उनकी पार्टी के विधायक हैं. माना जा रहा है कि एनसीपी, अपने सहयोगी दल शिवसेना के साथ बीते दिनों जो हुआ उससे सीख लेकर इस मुद्दे को लेकर कानूनी मामलों में नहीं उलझना चाह रही है. हालांकि एनसीपी प्रमुख और उनकी बेटी सुप्रिया के बयानों से महाविकास अघाड़ी में टेंशन बढ़ गई है. शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे गुट) को जहां शरद पवार का यह रुख पसंद नहीं आ रहा है तो वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि अजित पवार फिर एक बार शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में लौट आएंगे.
बीते साल 2022 जून-जुलाई में जब उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना में दो फाड़ हुआ तब एकनाथ शिंदे के खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग पहुंच गया. हालांकि उनके हाथ से पार्टी और चुनाव चिन्ह दोनों चला गया. ऐसे में माना जा रहा है कि शरद पवार, पार्टी और चुनाव चिन्ह पर अपनी पकड़ बनाए रखने के किसी कानूनी मामले में उलझने के बजाय, मामले को अपने स्तर पर सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
पार्टी और चुनाव चिन्ह पर अजित का दावा?
दीगर है कि इसी साल जुलाई में एनसीपी में दो गुट बन गए. एक गुट अजित पवार की अगुवाई में शिंदे गुट और बीजेपी की सरकार में शामिल हो गया तो वहीं दूसरा गुट अभी भी शरद पवार के साथ है. नया गुट बनने के बाद ही अजित पवार कैंप ने 1 जुलाई को चुनाव आयोग गया और पार्टी के साथ-साथ चुनाव चिन्ह पर भी अपना अधिकार मांगा. इसके बाद निर्वाचन आयोग ने पवार कैंप से जवाब मांगा. हालांकि अभी तक निर्वाचन आयोग को कोई जवाब नहीं मिला है.
इस बीत अजित पवार और शरद पवार के बीच हुई मुलाकातों के दौर जारी हैं. माना जा रहा है कि दोनों चाचा भतीजा के बीच एक स्तर पर सहमति बन गई है कि दोनों अपनी राह चलेंगे. अजित पवार लगातार एनसीपी चीफ से यह आग्रह करते रहे हैं कि वह अपना आशीर्वाद उन्हें दें.
जहां तक बात पार्टी और चुनाव चिन्ह का है तो महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने शुक्रवार को दावा किया था कि पार्टी और उसका निशान, उनके पास है और वह आगामी चुनाव, बीजेपी और शिंदे गुट के साथ मिलकर लड़ेंगे.
पवार ने दिया था ये बयान
उधर, शरद पवार ने पहले तो कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में कोई फूट नहीं है और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार पार्टी के नेता हैं और इसके कुछ ही घंटों बाद शुक्रवार को यह भी कह दिया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
कोल्हापुर में एक रैली को संबोधित करने के लिए वहां रवाना होने से पहले पुणे जिले में अपने गृहनगर बारामती में सुबह-सुबह पत्रकारों से बातचीत में शरद पवार ने कहा था कि कुछ नेताओं ने ‘‘अलग राजनीतिक रुख’’ अपनाकर NCP छोड़ दिया है, लेकिन इसे पार्टी में फूट नहीं कहा जा सकता.
NCP में कोई फूट नहीं होने के, अपनी बेटी और बारामती सांसद सुप्रिया सुले के बयान के बारे में पूछने पर शरद पवार ने बारामती में कहा, ‘‘इसमें इसमें कोई संदेह नहीं है.’’ उन्होंने सवाल किया कि कोई कैसे कह सकता है कि NCP में फूट है.
सुप्रिया सुले ने क्या कहा था?
दूसरी ओर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने एक दिन पहले ही अजित पवार को पार्टी का वरिष्ठ नेता और विधायक बताया था. बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने कहा, ‘‘अब, उन्होंने एक ऐसा रुख अपनाया है जो पार्टी के खिलाफ है और हमने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत दी है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं.’’ सुप्रिया सुले ने पार्टी में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की स्थिति को लेकर कहा कि वह ‘‘पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और विधायक’’ हैं.
NCP में विभाजन से जुड़े सवाल पर सुले ने यह भी कहा कि पार्टी संस्थापक शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट द्वारा पदाधिकारियों से हलफनामा लेना पार्टी के भीतर एक सतत प्रक्रिया है.
शिवसेना, शरद पवार के बयान से असहज?
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि NCP में दो फाड़ हो गया और अब दो धड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगर विभाजन नहीं हुआ है तो सुनील तटकरे कौन हैं, जिन्हें विभाजन के बाद (अजित पवार नीत) धड़े ने राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है? टूट कर बने धड़े ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में शरद पवार का नाम भी हटा दिया है.’’
राउत ने कहा, हमारा एमवीए गठबंधन शरद पवार नीत NCP के साथ है उससे टूट कर बने धड़े के साथ नहीं है जिसने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की डर से BJP (भारतीय जनता पार्टी) से हाथ मिला लिया है.
उन्होंने दावा किया कि शरद पवार कभी भी अपने सिद्धांतों से भटक कर BJP के सहयोगी नहीं बनेंगे. राउत ने कहा, ‘‘डर कर BJP से जुड़ने वालों के लिए एमवीए गठबंधन में कोई जगह नहीं है.’’
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा कि शरद पवार मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलॉपमेंटल इन्क्ल्युसिव एलायंस) की बैठक को लेकर लगातार एमवीए नेताओं के संपर्क में हैं.
शरद पवार के बयान पर कांग्रेस को ये उम्मीद
इसके अलावा शरद पवार के बयानों के कुछ घंटों बाद, महाविकास अघाड़ी की सहयोगी कांग्रेस बेफिक्र दिखी और शुक्रवार को यहां अलग हुए धड़े के नेता अजित पवार की मूल पार्टी में 'वापसी' की भविष्यवाणी की.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सीनियर पवार से मुलाकात के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शायद एनसीपी में लौटने की इच्छा जताई है.
पटोले ने कहा, "शरद पवार एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. उनके बयानों से ऐसा लगता है कि वह अजित पवार का मन बदलने में सफल रहे हैं और वह जल्द ही अपनी पार्टी में लौट आएंगे."
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि शुक्रवार को पुणे में शरद पवार के बयान के बाद कई राजनीतिक अटकलें शुरू हो गई हैं, हालांकि 'उन्होंने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं जाएंगे.'