Maharashtra Politics: चाचा शरद पवार ने भतीजे अजीत के साथ कर दिया खेल? जानिए NCP में आगे की सियासत
Maharashtra: शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. एनसीपी का अगला अध्यक्ष बनने का सपना संजोए अजित पवार के लिए इस फैसले को बड़ा झटका माना जा रहा है.
Maharashtra News: शरद पवार ने आज एनसीपी के 25वें स्थापना दिवस पर बड़ी घोषणा करते हुए अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. एनसीपी का अगला अध्यक्ष बनने का सपना संजोए अजित पवार के लिए शरद पवार के इस फैसले को बड़ा झटका माना जा रहा है. ऐसा लगता है कि पवार ने संकेत दे दिए हैं कि उनके बाद एनसीपी की कमान उनकी बेटी सुप्रिया सुले या प्रफुल्ल पटेल के हाथों में होगी.
एनसीपी नेताओं ने किया अजित पवार की नाराजगी का खंडन
सियासी गलियारों में ये सवाल है कि क्या शरद पवार के इस फैसले से अजित पवार खफा है? हालांकि एनसीपी के नेताओं ने इन खबरों का खंडन किया है और कहा है कि जिस वक्त यह फैसला हुआ उस वक्त अजित पवार भी वहां उपस्थित थे और पार्टी के नेताओं की सहमति से यह फैसला लिया गया. पार्टी के वर्षिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा कि सुप्रिया और प्रफुल को इसलिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया ताकि चुनाव का काम और लोकसभा और राज्यसभा का काम बांटा जा सके.
उन्होंने कहा कि उनके कंधों पर और जिम्मेदारिया लादी गई हैं क्योंकि चुनाव नजदीक हैं. भुजबल ने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के काम को हैंडल करने के लिए ऐसा किया गया है. इसके अलावा एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी इन खबरों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि उनके साथ कोई अन्याय नहीं हुआ है. यह फैसला पार्टी नेताओं की सहमति से लिया गया है. उन्होंने कहा कि अजित पवार के पास पहले से ही कई जिम्मेदारियां हैं.
क्या अजित पवार को किया गया दरकिनार!
अजित पवार ने ट्वीट कर सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को बधाई तो दी है, लेकिन माना जा रहा है कि वह इस फैसले से खुश नहीं है. क्या शरद पवार ने अजित पवार को पार्टी की जिम्मेदारी नहीं सौंपी है या यह महज एक इत्तेफाक ही है. यदि उनके साथ ऐसा किया गया है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. जैसे हाल ही के दिनों में अजित पवार द्वारा बीजेपी का कामों और उनके बयानों का समर्थन करना और यह चर्चा की कि अजित पवार अपने कुछ समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
अजित पवार के द्वारा उठाए गए कदमों पर शरद पवार को कई बार सफाई देनी पड़ी थी, यही नहीं अजित पवार के बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच शिवसेना यूबीटी ने शरद पवार से मुलाकात भी की थी. शायद इन्हीं सब बातों को जेहन में रखते हुए शरद पवार ने अजित पवार को एनसीपी की कमान नहीं सौंपी. चाचा के फैसले पर अजित पवार का अगला रुख क्या होगा यह देखना दिलचस्प होगा.
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