Maharashtra Politics: फंड बंटवारे पर भड़के जितेंद्र आव्हाड, बोले- 'कुछ ही नेताओं के पास निधि, बाकी के पास कुछ नहीं'
Maharashtra Politics: एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने आज फंड बंटवारे को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने डिप्टी सीएम अजित पवार पर भी हमला बोला है.
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Jitendra Awhad on Fund allotment: जितेंद्र आव्हाड ने फंड बंटवारे को लेकर नाराजगी जताई है. आव्हाड ने बताया कि विपक्षी पार्टी के कुछ ही वरिष्ठ नेताओं को फंड मिला है. उन्होंने यह भी रुख अपनाया है कि यदि उनकी अपनी पार्टी के सभी विधायकों को समान रूप से धन आवंटित नहीं किया जाता है तो विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं को निधि नहीं लेनी चाहिए. जितेंद्र आव्हाड ने सवाल उठाया कि, यदि कुछ को धन मिले और कुछ को एक रुपया भी न मिले, तो हम सरकार के खिलाफ कैसे लड़ सकते हैं? उन्होंने ABP माझा से कहा कि अगर कांग्रेस इस मामले में कोर्ट जाएगी तो मैं भी कोर्ट जाऊंगा.
अजित पवार पर बोला हमला
ABP माझा के अनुसार, जितेंद्र आव्हाड ने अजित पवार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अजित पवार विपक्ष के नेता का पद चाहते थे. सत्ता में आने के बाद भी उन्हें सारे पद चाहिए थे. उनकी सहमति से दूसरों को पद दिये गये.अजित पवार को विपक्ष का नेता बनाने की मांग वाले विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र पर सभी विधायकों के हस्ताक्षर नहीं थे. अजित पवार ने कुछ विधायकों से एक पत्र पर हस्ताक्षर करवाए और वह पत्र अजित पवार को विपक्ष का नेता बनाने के लिए शरद पवार को दिया गया. आव्हाड ने यह भी कहा कि उस पत्र पर मेरे हस्ताक्षर नहीं थे, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि पत्र पर सभी विधायकों के हस्ताक्षर हैं.
डिप्टी CM पर साधा निशाना
अजित पवार द्वारा पार्टी में किसी को आगे नहीं बढ़ने देने की आलोचना करते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मैंने भी शरद पवार को पत्र देकर कहा था कि मुझे विपक्ष का नेता बनाया जाए. अजित पवार को विपक्ष का नेता बनाने के लिए जो पत्र दिया गया, उसमें केवल अठारह-उन्नीस लोगों के हस्ताक्षर थे. उस समय सभी पदों के लिए केवल नौ लोग ही योग्य थे. दूसरी पीढ़ी जीवन में कभी नहीं आई. राजनीति में नई पीढ़ी आनी चाहिए. आप शरद पवार के बाद राजनीति में आये, क्योंकि शरद पवार आपको लेकर आये. आव्हाड ने आरोप लगाया कि आपने ही कहा था कि पार्टी में मेरे अलावा कोई नहीं है. साथ ही जो पत्र साल 2019 में चोरी हुआ था उसे एनसीपी के कार्यालय में गारा नाम के एक क्लर्क ने चुराया था. वही पत्र अजित पवार के पास ले जाया गया. आव्हाड ने यह भी कहा कि इस पर 54 विधायकों के हस्ताक्षर हैं.
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