Maharashtra News: महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टियों और शिवसेना के गठबंधन पर सीएम एकनाथ शिंदे की टिप्पणी के बाद अब उद्धव ठाकरे गुट ने पलटवार किया है. शिवसेना यूबीटी ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है बीजेपी को यह रास नहीं आ रहा है. सामना में लिखा गया है कि शिवसेना और समाजवादी का विवाद खुले तौर पर है. समाजवादियों ने किसी की पीठ में खंजर नहीं भोंका है.
दरअसल, शिवसेना ने चार दशकों में पहली बार समाजवादी दलों के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है. आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शिवसेना का यह फैसला अहम माना जा रहा है. इस बीच शिवसेना के इस फैसले को सीएम एकनाथ शिंदे ने हिन्दुत्व में मिलावट करार दिया. अब इस पर सामना में संपादकीय के जरिए शिवसेना ने पलटवार किया है.
'संघ परिवार की तरह समाजवादी ढोंगी नहीं'
सामना की संपादकीय में लिखा गया - संघ परिवार की तरह समाजवादी ढोंगी नहीं हैं. उनकी कार्रवाई गुप्त नहीं होती. समाजवादी और शिवसेना का विवाद खुले तौर पर है. पच्चीस वर्षों तक मित्रता का नाटक कर पीछे से पीठ में खंजर भोंकने का कृत्य समाजवादियों ने नहीं किया है. महाराष्ट्र और राष्ट्र में जाति-धर्म के नाम पर आग लगाने की साजिश उन्होंने नहीं रची है.
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लिखा गया- देश के स्वतंत्रता संग्राम में समाजवादी खुले तौर पर शामिल थे और देश के स्वतंत्र होते ही समाजवादियों ने अपने-अपने घरों पर तिरंगा लहराकर इस स्वतंत्रता का स्वागत किया था. इंदिरा गांधी तानाशाही पद्धति से बर्ताव कर रही हैं, जिसके कारण देश के लोकतंत्र को खतरा है इस बात का एहसास होते ही समाजवादी विचार धारावाले जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में समग्र क्रांति, द्वितीय स्वतंत्रता संग्राम हुआ, जिसमें सभी समाजवादी लोग शामिल हुए. इसी के कारण देश में परिवर्तन हुआ.
सामना में लिखा गया कि- इतिहास के पन्ने पलटेंगे तो अपनी अज्ञानता पर उन्हें खुद ही शर्म आ जाएगी. उनका ‘बड़बोलापन’ एक तरह से राज्य की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिला रहा है. उनका ‘घमंड’ अब जनता हमेशा के लिए उतारनेवाली है.