Maharashtra Politics: शिवसेना (यूबीटी) को नीलम गोरे ने उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दिया है. पार्टी नेता और विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गई हैं. नेता नीलम गोरे ने कहा कि मैंने किसी पद को ध्यान में रखकर शिवसेना में प्रवेश नहीं किया है. जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तो मैंने उन्हें एक पत्र दिया था.
नीलम गोरे ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि उन्हें लोगों से मिलना चाहिए. लोगों को जितनी उम्मीद थी उतना समय उद्धव साहब ने नहीं दिया. गोरे ने इस समय कहा कि ठाकरे समूह में संवाद की कमी है. नीलम गोरे एबीपी माजा के माजा कट्टा में आई थीं. इस मौके पर उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की.
'शिंदे ही असली शिवसेना'
नीलम गोरे का निर्णय पार्टी की प्रवक्ता डॉ. मनीषा कायंदे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के बमुश्किल तीन हफ्ते बाद आया. शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने नीलम गोरहे का शिवसेना में स्वागत किया. और शिवसेना में प्रवेश पर उन्होंने कहा कि शिंदे सही रास्ते पर हैं और अदालत के फैसले के मुताबिक वही असली शिवसेना हैं.
उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका
उद्धव ठाकरे के लिए नीलम का पार्टी छोड़ना बड़ा झटका माना जा रहा है. बीते समय में पार्टी के कई दिग्गज शिंदे सेना में शामिल हो चुके हैं. मनीषा कायंडे और विप्लव बजरिया के बाद नीलम गोरे शिव सेना (यूबीटी) की तीसरी एमएलसी हैं जो शिंदे गुट में शामिल हुई हैं. नीलम गोरे साल 2002 से लगातार विधान परिषद के लिए चुनी जा चुकी हैं और चार बार से लगातार विधान परिषद की सदस्य हैं.