Maharashtra News: महाराष्ट्र मे आने वाले दिनों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले महायुति में सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है. एनडीए के दो नेता ऐसे हैं जिनकी कभी बनती नहीं है, इसकी वजह से गठबंधन पर भी सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम और बीजपी के मंत्री रविंद्र चव्हाण के बीच हमेशा रार देखने को मिलती है. वहीं अब नौबत यहां तक आ गई कि रामदास कदम ने मंत्री रविंद्र चौहान के इस्तीफे की मांग कर दी.
 
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी और जेष्ठ नेता रामदास कदम ने बीजेपी के मंत्री का इस्तीफा मांगा है. बीजेपी मंत्री रविंद्र चव्हाण महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री हैं. वहीं मुंबई गोवा हाईवे को लेकर रामदास कदम ने चव्हाण की आलोचना की है.


शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, "रविंद्र चव्हाण काम करने मे असफल रहे है, कितने सालों से मुंबई-गोवा हाईवे का काम नहीं हो रहा है, राज्य के लोगों को तकलीफ हो रही है और मंत्री रविंद्र चव्हाण निश्चिंत है. इसलिए मैं देवेंद्र फडणवीस से मांग करूंगा कि वह रविंद्र चव्हाण का इस्तिफा लें. शिवसेना और बीजेपी के बीच यह पहली बार नहीं हो रहा है इसके पहले भी ऐसे कई विवाद दिखाई दिए हैं.


कदम को सांभालो- रविंद्र चव्हाण
वहीं इस मामले पर रविंद्र चव्हाण ने कहा, "रामदास कदम एक वरिष्ठ नेता हैं और इस तरह की भाषा उनको शोभा नहीं देती. महायुती का धर्म निभाने का ठेका सिर्फ हमनें नहीं लिया है. सीएम एकमाथ शिंदे से मेरी विनती है कि रामदास कदम जैसे लोगों को वह अपने काबू मे रखें नहीं तो हमें भी ऐसी भाषा का इस्तमाल करना आता है.


दरअसल, मंत्री रविंद्र चव्हाण बीजेपी के कई बड़े मिशन का हिस्सा बनते हैं, चुनाव की रणनीति कई बार यही तय करते हैं. पर्दे पर आना इनको पसंद नहीं है इसलिए हमेशा यह पर्दे के पिछे रहकर अपने पार्टी का काम करते है. राज्यसभा, विधान परिषद जैसे चुनाव की रणनीति का यह बड़ा हिस्सा रहते हैं, ठाणे, कोंकण मे रविंद्र चव्हाण का नाम बनते जा रहे हैं.


खुले मंच से बीजेपी से जताई था नाराजगी
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने पार्टी के स्थापना दिवस पर भी बीजेपी और अजित पवार पर नाराजगी जताई थी. रामदास कदमने खुले मंच पर भाषण करते वक्त एकनाथ शिंदे को हाथ जोड़कर विनती की अलगी बार मोदी शाह के पास उनके लेकर जाए, क्योंकी लोकसभा चुनाव मे शिंदे गुट को देरी से सीट मिलने के कारण कई जगह पर नुकसान हुआ था. रामदास कदम ने इसका जिम्मेदार बीजेपी को ठहराया था और साथ ही साथ ये भी कहा था कि अजित पवार थोड़ी और देरी से सत्ता में आते तो अच्छा होता.