Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है. एक ओर जहां शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे ने नैतिक आधार पर सीएम एकनाथ शिंदे से इस्तीफा मांगा है तो वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. माना जा रहा है कि सीएम शिंदे से इस्तीफा मांगने के मुद्दे पर शिवसेना और एनसीपी की राहें जुदा हैं. अजित पवार ने इस मुद्दे पर शुक्रवार को कहा कि मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगने की कोई जरूरत नहीं है. हम जानते हैं कि वह सपने में भी इस्तीफा नहीं देंगे. 


पवार ने कहा कि भूतपूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा लोगों ने जमीन आसमान का अंतर है. बीते साल शुरू हुए महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट और तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे को लेकर अजित पवार ने कहा कि हमारे स्पीकर ने सीएम ठाकरे से पूछे बिना इस्तीफा दे दिया. वह नहीं होना चाहिए था. अगर वह इस्तीफा भी दे चुके थे, तो हमें हमारा नया स्पीकर चुनना चाहिए था. अगर हमारे पास अपना स्पीकर होता तो वो 16 विधायक, अयोग्य घोषित हो गए होते.


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उद्धव ने मांगा सीएम एकनाथ शिंदे का इस्तीफा
दीगर है कि शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने बीते साल सीएम पद से अपने इस्तीफे का जिक्र करते हुए यह मांग की. ठाकरे ने कहा कि मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था. मैं ऐसी परिस्थिति में सीएम नहीं रहना चाहता था कि जहां विश्वासघात हो. जिन्होंने विश्वासघात किया वह सरकार बनाए.


ठाकरे ने कहा कि असली शिवसेना मेरी ही रहेगी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी ने जश्न मनाया ये समझ में आता है लेकिन गद्दारों का जश्न समझ के परे है.